CM यादव ने अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश, अब साइबर ठगी पर कसेगी नकेल

Meghraj
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मध्य प्रदेश में साइबर ठगी और अपराधों के बढ़ते मामलों के मद्देनजर राज्य सरकार अब सख्त कार्रवाई की योजना बना रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार ने साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए साइबर थाने स्थापित करने की तैयारी शुरू कर दी है। साथ ही, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दुरुपयोग को रोकने के लिए भी कड़े कदम उठाने की योजना बनाई गई है।

मुख्यमंत्री ने दी समीक्षा बैठक में निर्देश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में भोपाल में गृह विभाग की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी, जैसे मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव गृह एस.एन. मिश्रा, और पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना समेत अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इस दौरान अधिकारियों से कहा कि पुलिस को अब भविष्य के लिए तैयार होना होगा ताकि वे साइबर क्राइम और AI के दुरुपयोग जैसे मामलों से समाज को सुरक्षित रख सकें।

राज्य के हर जिले में बनाए जाएंगे साइबर थाने

साइबर ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए, राज्य सरकार ने साइबर थाने स्थापित करने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में साइबर थाना बनाने का काम शीघ्र शुरू किया जाएगा। इस तरह की व्यवस्था से पुलिस को साइबर अपराधों पर प्रभावी तरीके से नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी और साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में और तेजी लाई जा सकेगी।

एफएसएल लैब्स का निर्माण और आधुनिक जांच सुविधाएँ

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बैठक में फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (एफएसएल) के निर्माण का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि हर संभाग में एफएसएल लैब्स स्थापित की जाएंगी ताकि अपराधों की त्वरित और वैज्ञानिक जांच की जा सके। साथ ही, पुलिस कर्मचारियों के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ाने का आदेश भी दिया गया। पुलिस स्टाफ को पेन ड्राइव, टैबलेट जैसे उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि वे अधिक प्रभावी तरीके से जांच कर सकें और मामलों को जल्दी निपटाया जा सके।

पुलिसकर्मियों के लिए बेहतर कार्य माहौल और सुविधाएँ

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पुलिसकर्मियों को बेहतर कार्य माहौल और सुविधाएँ उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है। पुलिस के काम में सुधार के लिए पुलिसकर्मियों की साख को मजबूत करना, उनके लिए बेहतर रिहायशी सुविधाएँ प्रदान करना, और उन्हें काम के लिए उचित वातावरण देना प्राथमिकता होगी।

इसके अलावा, उन्होंने पुलिसकर्मियों के आवास के लिए प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए निर्देश दिए। विभाग की ओर से ऋण सुविधा और आवास की मंजूरी प्रक्रिया को सुगम और तेज किया जाएगा।

पुलिस कर्मियों की पदोन्नति और कार्यवाहियों का प्रचार

मुख्यमंत्री ने पुलिस की कार्यशैली में सुधार के लिए पदोन्नति के मामले में भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के लिए एक निश्चित समय के बाद पदोन्नति की प्रक्रिया लागू की जाए। साथ ही, पुलिस की उपलब्धियों और प्रभावी कार्यवाहियों का प्रचार किया जाए ताकि न केवल पुलिस का उत्साहवर्धन हो, बल्कि अपराधियों में खौफ भी बना रहे।

मध्य प्रदेश सरकार का यह निर्णय राज्य में साइबर ठगी और आधुनिक तकनीकी अपराधों को रोकने के लिए एक अहम कदम साबित हो सकता है। राज्य सरकार ने साइबर थानों की स्थापना, फॉरेंसिक लैब्स के निर्माण, और पुलिसकर्मियों के लिए बेहतर कामकाजी वातावरण के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दुरुपयोग को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। इन कदमों से न केवल अपराधों पर काबू पाया जा सकेगा, बल्कि प्रदेश की पुलिस व्यवस्था को भी मजबूत किया जाएगा।