इंदौर : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज चिकित्सा के क्षेत्र में एक बड़ी सौगात दी है। उन्होंने इंदौर में 237 करोड़ रूपये से अधिक की लागत से निर्मित आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से युक्त सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का लोकार्पण किया। यह अस्पताल 10 मंजिला है और इसमें अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं रहेंगी। कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन तथा केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे नईदिल्ली से तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भोपाल से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुये। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर तथा सांसद शंकर लालवानी विशेष रूप से मौजूद थे।
नवनिर्मित इस अस्पताल में न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, नेफ्रोलॉजी, यूरोसर्जरी, कार्डियोलॉजी, कार्डियक सर्जरी, मेडिकल गेस्ट्रोएन्ट्रोलॉजी, सर्जीकल गेस्ट्रोएन्ट्रोलॉजी, प्लास्टिक एवं रिकन्सट्रक्टीव सर्जरी तथा आर्गन ट्रांन्सप्लांट की सुविधा रहेगी। यह अस्पताल 402 बिस्तरों का है। इसमें मुख्य रूप से जनरल वार्ड में 208 बिस्तर रहेंगे। शेष बिस्तर आईसीयू, आपातकालीन, प्रायवेट एवं सेमी प्रायवेट आदि वार्ड में भी रहेंगे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। इसके लिये केन्द्र शासन का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के संकल्प को पूरा करने की दिशा में हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड से निपटने के लिये सभी संभव प्रयास किये जा रहे हैं। जिस दिन से मैंने मुख्यमंत्री का पुन: पद संभाला, उसी दिन से मैंने कोरोना से निपटने के प्रयास शुरू कर दिये। इसके पहले न तो कोई तैयारी और न ही कोई व्यवस्था थी। कोरोना की अनदेखी की जा रही थी।
पद संभालते ही स्थिति की समीक्षा की गई और कोरोना से निपटने के लिये प्रभावी कदम उठाये गये। उन्होंने कहा कि पहले जहाँ कोरोना के लिये बिस्तरों की संख्या बहुत ही कम थी, उसे बढ़ाकर अब पर्याप्त की गई है। सेम्पलों की जाँच की क्षमता भी जहां पहले दहाई अंक में थी, उसे बढ़ाकर अब 2400 जाँच प्रतिदिन करने की क्षमता हो गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना ने हमें जीने का नया तरीका सिखाया है। कोरोना से निपटने के लिये सुरक्षा, सावधानी रखना एवं एहतियात बरतना जरूरी है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना का नि:शुल्क इलाज कराया जा रहा है।
आर्थिक रूप से सक्षम ऐसे लोग जो प्रायवेट अस्पतालों में अपना कोरोना का इलाज कराना चाहते हैं, इसके लिये प्रायवेट अस्पतालों को अनुमति दी गई है। अगर कोई अस्पताल मनमानी फीस एवं चार्ज ले रहे हैं तो उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने युक्तिसंगत फीस निर्धारण के लिये जिला प्रशासन को बैठक लेकर आगामी कार्यवाही करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री चौहान ने स्वच्छता में लगातार चार बार अव्वल आने पर बधाई दी और कहा कि सभी संबंधितों का सम्मान किया जायेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निर्माण में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के योगदान का स्मरण किया। मुख्यमंत्री चौहान ने संभागायुक्त डॉ. शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह, आईजी, डीआईजी सहित चिकित्सकों, नर्स, अन्य स्टाफ और शहरवासियों द्वारा कोरोना के नियंत्रण के लिये किये गये कार्यों की सराहना की।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल निर्माण के लिये शुभकामनाएं दी और इस अस्पताल के निर्माण में लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की भूमिका का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के लिये संवेदनशील होकर कार्य किये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा कार्यक्रम का प्रभावी क्रियान्वयन हो रहा है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा के विस्तार के लिये मध्यप्रदेश में 14 नये मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। कोरोना से निपटने के लिये भी मध्यप्रदेश को पूरी सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि देश को आगामी 2025 तक क्षय रोग से मुक्त करने के कार्य होंगे। उन्होंने स्वच्छता के क्षेत्र में चौथी बार इंदौर के अव्वल आने पर बधाई दी और कहा कि यह अन्य शहरों के लिये प्रेरणा होगा।
केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित करते हुये कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश द्वारा उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे है। सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का निर्माण प्रधानमंत्री जी के संकल्पों को पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम है। कोरोना की महामारी के नियंत्रण के संबंध में कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिये प्रभावी कार्य हुये है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश ने विश्व में नयी दिशा दिखाई है। कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण हुआ है। उन्होंने लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा इंदौर तथा प्रदेश के विकास के लिये दिेये गये अहम योगदान एवं भूमिका का स्मरण किया।
पूर्व मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के मार्गदर्शन में हो रहे कार्यों से इंदौर ही नहीं पूरा प्रदेश कोरोना जैसे संकट से तेजी से उबर रहा है। नागरिकों, चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों, समाजिक संगठनों आदि की भी महत्वपूवर्ण भूमिका रही है। रेकार्ड समय में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण हुआ है, इसके लिये उन्होंने सभी संबंधितों की प्रशंसा की और कहा कि यह इंदौर के लिये बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विकास की नयी इबारत लिखी जा रही है। विकास का यह सिलसिला निरंतर जारी रहेगा। देश को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया जा रहा है। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने सम्बोधित करते हुये कहा कि प्रदेश में कोरोना की वैश्विक महामारी के नियंत्रण के लिये उत्कृष्ट कार्य किये गये हैं। इंदौर शिक्षा के साथ ही अब स्वास्थ्य का भी बड़ा हब बन गया है। उन्होंने कहा कि इंदौर में इस अस्पताल को आदर्श अस्पताल के रूप में विकसित किया जाना चाहिये।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि इंदौर के लिये आज गौरव का दिन है जब सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का लोकार्पण हो रहा है। यह इंदौर के लिये बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में कोरोना से निपटने के लिये उल्लेखनीय कार्य किये गये। उन्होंने एमवाय अस्पताल के उन्नयन की जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि इंदौर में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में पोस्ट ग्रेजुएशन इंस्टिट्यूट पीजीआई की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री चौहान ने फीता काटकर सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का लोकार्पण किया। इसके पश्चात उन्होंने अस्पताल का अवलोकन भी किया। उन्होंने हॉस्पिटल में उपलब्ध कराई जाने वाले चिकित्सा सुविधाओं की जानकारी भी ली।
अतिथियों द्वारा कार्यक्रम में सीरो सर्वेक्षण रिपोर्ट का विमोचन किया गया। आयुक्त इंदौर संभाग डॉ. पवन कुमार शर्मा ने सीरो सर्वे रिपार्ट का प्रस्तुतिकरण दिया। डॉ. शर्मा ने बताया कि इंदौर शहर में 11 अगस्त से 23 अगस्त तक सीरो सर्वेक्षण कराया गया। इस सर्वेक्षण में इंदौर शहर के सभी 85 वार्डों में रेण्डम आधार पर 7 हजार 103 सेम्पल लिये गये। सेम्पलों की जाँच की गई। इसके आधार पर रिपोर्ट प्राप्त हुई है। शहर में 7.72 प्रतिशत एण्टीबॉडी होना पाया गया। इससे पता चलता है कि इंदौर में कंट्रोल रेट अच्छा है। आगे और अधिक सतर्कता और सुरक्षा रखने की जरूरत है। विधायक आकाश विजयवर्गीय ने प्रारंभ में स्वागत उद्बोधन दिया।
कार्यक्रम में आयुक्त चिकित्सा शिक्षा निशांत वरवड़े ने परियोजना का परिचय एवं विवरण दिया। कार्यक्रम के अंत में एमजीएम मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. ज्योति बिंदल ने आभार माना। कार्यक्रम में विधायकगण महेन्द्र हार्डिया, मालिनी गौड़, रमेश मेंदोला, कृष्णमुरारी मोघे, गौरव रणदीवे, राजेश सोनकर, सुदर्शन गुप्ता, मधु वर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अन्य वरिष्ठ नागरिकगण मौजूद थे।