मुख्यमंत्री शिवराज आज बैतूल जिले के कुंड बकाजन में मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के अंतर्गत स्वीकृति पत्र वितरण कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मंच से सभा को सम्बोधन के दौरान माइनिंग अफसर को सस्पेंड करने के आदेश दे दिए। इसी के साथ बैतूल जिले के सीएमएचओ को भी तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।
गड़बड़ करने वाले नहीं बचेंगे, राज जनता का चलेगा – शिवराज
सभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गड़बड़ करने वाले नहीं बचेंगे, राज जनता का चलेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने तय किया सीएम जनसेवा अभियान चलेगा और हर पंचायत में शिविर लगाए जाएंगे और प्रत्येक वार्ड में शिविर लगेंगे। जो शिविर में आवेदन आएंगे, उसके आधार पर लोगों के नाम जोड़े जाएंगे। तीनों जिलों में चार लाख से ज्यादा लोगों के नाम जोड़े गये हैं। जिले में 740 शिविर लगे, 38 सेवाओं के अंतर्गत 1 लाख 85 हजार आवेदन आए हैं।
मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की धरती पर भ्रष्टाचार मैं किसी भी कीमत पर रहने नहीं दूंगां, यह संकल्प लेकर हम निकले हैं।’ उन्होने कहा कि ‘आज मैं इस भरी सभा में कह रहा हूं- मेरे प्रधानमंत्री ने कहा है कि न खाउंगा न खाने दूंगा। किसी को एक पैसा मत देना यदि कोई गड़बड़ी करे तो सूचना सीएम हाउस भेज देना, उसे नौकरी करने लायक नहीं रहने दूंगा।’
मध्यप्रदेश में धर्मांतरण का कुचक्र नहीं चलने दूंगा – मुख्यमंत्री
इस दौरान सीएम ने पेसा एक्ट के बारे में कहा कि ‘पेसा एक्ट के तहत पहला अधिकार जमीन का अधिकार है- कोई कनफ्यूजन की जरूरत नहीं है, ग्राम सभा बनेगी, जिसमें बहनें भी शामिल होंगी। हर साल ग्राम सभा में जमीन का नक्शा रखेंगे, जिससे आपको पता चलेगा कि कौन सी जमीन किसकी है। तो यदि किसी ने जमीन इधर-उधर की तो आपको पता चल जाएगा, और पटवारी और तहसीलदार तुरंत पकड़ा जाएगा अगर अनुसूचित क्षेत्र में, यदि कोई प्रोजेक्ट आना है, कोई काम के लिए सरकारी जमीन लेनी है, तो सरकार दादागिरी करके वो जमीन नहीं ले सकती। पहले मामला ग्राम सभा में जाएगा। ग्राम सभा तय करेगी की जमीन देनी है या नहीं।
इसके अलावा कुछ लोग छल कपट करके जमीन ले लेते हैं, धर्म बदलकर जमीन बदल लेते हैं, मैं मध्यप्रदेश में धर्मांतरण का कुचक्र नहीं चलने दूंगा। यदि गलत ढंग से आदिवासी की जमीन लेने की कोशिश की तो, उसकी जमीन वापस दिलाई जाएगी और आरोपियों को सजा दी जाएगी। यदि अपने गांव की सीमा में कोई खदान है तो अभी सरकार नीलाम करती है, लेकिन अब यह अधिकार अब ग्राम सभा को है, कि उसका सर्वे किया जाए या नहीं। यदि ग्रामसभा तय करती है तो वो खदान आदिवासियों की सोसाइटी को मिलेगी। यदि कोई महिला लेना चाहे तो उसे दी जाएँगी। अगर वो नहीं लेगी तो पुरूष को अधिकार मिलेगा।
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मुख्यमंत्री ने कहा कोई भी नई दारू की दुकान यदि ग्राम सभा चाहेगी तो ही खुलेगी वरना नहीं खुलेगी। यदि किसी धार्मिक स्थल के पास दारू की दुकान है तो ग्रामसभा तय करेगी कि उसे हटाना है। यदि ग्रामसभा तय करेगी कि जिस दिन दारू की दुकान बंद रहेगी तो कलेक्टर-एसपी उस दिन ड्राय डे होगा। अवैध दारू बेचने वालों पर कार्रवाई होगी।