मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज ओंकारेश्वर पहुँचे और यहाँ आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति के अनावरण के लिए वैदिक रीति से हो रहे पूजन और हवन कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के साथ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह भी पूजन में शामिल हुई।
भोपाल में सुबह से तेज बारिश के चलते मुख्यमंत्री चौहान हवाई मार्ग की बजाय सड़क मार्ग से होते हुए ओंकारेश्वर पहुंचे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आदिगुरु शंकराचार्य की साधना स्थली ओंकारेश्वर में शिव संकल्प लिया। ओंकारेश्वर के मंधाता पर्वत पर दक्षिणाम्नाय श्रंगेरी शारदापीठ के मार्गदर्शन में महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद प्रतिष्ठान द्वारा देश के लगभग 300 विख्यात वैदिक आर्चकों द्वारा वैदिक रीति से पूजन तथा 21 कुण्डीय हवन किया जा रहा है। यह हवन 19 सितंबर तक चलेगा।
मुख्यमंत्री ने जो संकल्प आज लिया है उसके अनुसार वैदिक रीति से हवन पूजन में सहभागी बन कर शिव स्वरूप आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा के अवतरण के लिए यह संकल्प जब पूर्ण होगा तो एक भव्य वातावरण बनेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान के ओम्कारेश्वर पहुँचने पर जनप्रतिनिधियों और संभागायुक्त मालसिंह, पुलिस महानिरीक्षक राकेश कुमार गुप्ता, पुलिस उप महानिरीक्षक चंद्रशेखर सोलंकी, कलेक्टर अनूप कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक सतेंद्र कुमार शुक्ला सहित अन्य अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
मूर्ति का अनावरण 18 सितम्बर को
ओंकारेश्वर में 18 सितंबर को एकात्मता की मूर्ति का अनावरण किया जाएगा। इसके लिए प्रमुख संतों को निमंत्रित भी किया गया है। 11 से 19 सितंबर तक मंधाता पर्वत पर उत्तरकाशी के स्वामी ब्रह्मेन्द्रानंद तथा 32 सन्यासियों द्वारा – प्रस्थानत्रय भाष्य पारायण किया जा रहा है। 18 सितंबर को दक्षिणाम्नाय श्रंगेरी शारदापीठ के मार्गदर्शन में एकात्मता की मूर्ति का अनावरण एवं अद्वैत लोक का भूमि एवं शिला पूजन किया जाएगा।