भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज स्मार्ट उद्यान में सप्तपर्णी का पौधा रोपा। इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम और प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने भी पौध-रोपण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान अपने संकल्प के साथ प्रतिदिन एक पौधा लगा रहे हैं। मध्यप्रदेश से बाहर प्रवास पर रहने पर भी वे पौधा लगा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस वर्ष नर्मदा जयंती से अब तक निरंतर प्रतिदिन एक पौधा लगाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने आम नागरिकों से भी पौधे लगाने की अपील की है।
सप्तपर्णी का महत्व
सप्तपर्णी को आयुर्वेद में उन औषधियों में से एक माना जाता है, जो कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ को समाहित किए हुए हैं। यह एक सदाबहार वृक्ष है। दिसंबर से मार्च माह के दौरान इसमें छोटे-छोटे हरे और सफेद रंग के फूल लगते हैं, जिनमें विशिष्ट सुगंध रहती है। हिमालय के क्षेत्रों और उसके आसपास के हिस्सों में यह पौधा ज्यादातर उगता है। पौधे की छाल ग्रे-कलर की होती है। यह ऐसा पौधा है जिसका उपयोग आयुर्वेदिक, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा पद्धति में कई तरह की बीमारियों के इलाज में किया जाता है।
दुर्बलता को दूर करने से लेकर खुले घावों को ठीक करने और कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में सप्तपर्णी प्रभावी औषधि है। वैसे तो पौधे के ज्यादातर हिस्से औषधीय गुणों से युक्त होते हैं, लेकिन इसकी छाल को मलेरिया के लक्षण ठीक करने के लिए बहुत सालों से प्रयोग में लाया जाता रहा है। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि इसका किसी भी रूप में इस्तेमाल करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले लेना चाहिए।