नई दिल्ली : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में केन्द्रीय भूतल परिवहन एवं सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्री नितिन गड़करी से उनके निवास पर मुलाकात कर ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र में चम्बल एक्सप्रेस-वे को अटल एक्सप्रेस-वे का नाम दिये जाने का प्रस्ताव किया। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने इस कार्य के लिए 1500 हेक्टेयर की जमीन चिन्हित कर उपलब्ध करवा दी है। साथ ही फारेस्ट की जमीन की उपलब्धता भी सुनिश्चित कर दी है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे का डीपीआर बन कर एलाइनमेंट सुनिश्चित किया जाय। साथ ही इसके लिए अगर प्राइवेट जमीन अधिग्रहीत करने की जरूरत होगी तो वह भी राज्य सरकार द्वारा की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि अटल एक्सप्रेस-वे ग्वालियर-चम्बल संभाग के लिए वरदान साबित होगा। रोजगार के नये अवसर बनेंगे। श्री चौहान ने बताया कि एक औद्योगिक क्लस्टर (समूह) के रूप में विकसित कर रोजगार के नये अवसर युवाओं के लिए उपलब्ध कराये जायेंगे। इस क्षेत्र की पूरी तस्वीर बदलने का काम यह एक्सप्रेस-वे करेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि एमएसएमई के माध्यम से सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध होते हैं। एमएसएमई के द्वारा उद्योगों के समूह को विकसित करने का काम मध्यप्रदेश सरकार कर रही है। राज्य सरकार ने अभी 19 एमएसएमई क्लस्टर विकसित करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को दिया है। इनमें से जबलपुर का मिष्ठान और नमकीन क्लस्टर को स्वीकृति मिल गयी है। शेष तीन औद्योगिक क्षेत्र भोपाल, गुना और रतलाम के क्लस्टर को सैद्धांतिक स्वीकृति देने पर सहमति हो गई है। शेष 15 पर अभी सैद्धांतिक सहमति होना बाकी है। केन्द्रीय मंत्री ने स्वीकृति देने की पूरी कार्यवाही एक माह के भीतर करने का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि अटल एक्सप्रेस-वे के एलायमेंट का कार्य डेढ़ माह में हो जायेगा। साथ ही प्रदेश के संसदीय क्षेत्रों से आये सीआरएफ के अंतर्गत 26 प्रस्ताव भी केन्द्र को स्वीकृति के लिए भेजे जा चुके हैं और आग्रह किया है कि ये सभी प्रस्ताव केन्द्रीय सड़क निधि योजना के अंतर्गत स्वीकृत किये जायें। केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गड़करी ने उपरोक्त सभी मामलों पर अपनी सहमति जताते हुए शीघ्र स्वीकृति दिलवाने का आश्वासन दिया है।