World Wetland Day: इंदौर के सिरपुर में इसी वर्ष रामसर साइट में शामिल हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पहुंचे। बता दें इस अवसर पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे और रामसर सचिवालय की महासचिव डॉ. मुसौंदा मुंबा विशिष्ट अतिथि हैं।
इस कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, पर्यावरण एवं वन मंत्री नागर सिंह चौहान, पर्यावरण और वन राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, सांसद शंकर लालवानी, विधायक मालिनी गौड़ सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद हैं। जानकारी के अनुसार आपको बता दें इस आयोजन में देश की सभी 75 वेटलैंड साइट के प्रतिनिधि, प्राधिकरणों के अधिकारी, विज्ञानी सहित 200 से अधिक विशेषज्ञ शामिल हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री मोहन भार्गव ने यहां पर आयोजित प्रदर्शनी का शुभारंभ किया और प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया है।
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहाहै कि इंदौर जो करता है अलग ही करता है। वसुधैव कुटुंबकम पर विश्वास करने वाले भारत में पेड़, पौधे, नदी, तालाब को भी ईश्वर मानता है। ऐसे में एक भारतीय हरगोविंद खुराना को पेड़-पौधों में प्राण है बताने पर नोबल पुरस्कार मिला था। तो लोगों ने कहा कि आपकी तो भारत में जय जय कार होगी। तो खुराना जी ने कहा था कि भारत के गांवों में रहने वाले को भी पता है कि पेड़-पौधों में जान है। आपके लिए ये नई बात होगी।
इसके आगे सीएम ने कहा है कि हमारी संस्कृति में ही निसर्ग समाहित है। लेकिन समय के साथ हम इसे भूलते जा रहे हैं। ये तालाब पहले पेयजल के इस्तेमाल में आता था, लेकिन समय के साथ परिवर्तन होते चले गए। अब आधुनिक जीवन में कचरा यहां बढ़ता गया, लेकिन इन्हें बचाने की जरूरत है। अब ये रामसर साइट हो गया है। इंदौर में यदि नदियां साफ होंगी तो इसका लाभ उज्जैन को भी मिलेगा। यहां तक कि कान्ह नदी का पानी ही शिप्रा नदी में आता है। इससे दोनों शहरों को इसका लाभ मिलेगा। बता दें प्रदेश में भी इस तरह की साइट्स को खोजकर उनका विकास किया जाएगा।