इंदौर 06 सितम्बबर 2020
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गत दिनों प्रदेश में आई भीषण बाढ़ से प्रदेश में जनहानि नहीं हुई है, परंतु प्रभावितों के घर, सामान आदि की अत्यधिक हानि हुई है। कई गाँवों में तो पूरे के पूरे घर टूट गए हैं तथा सामान नष्ट हो गया है। परंतु मेरे भाई-बहन चिंता न करें, हम उन्हें जैसा का तैसा घर बनाकर देंगे। साथ ही उनके खेत, सामान आदि की हानि की भी अधिक से अधिक भरपाई की जाएगी। एक-एक बाढ़ पीड़ित के चेहरे पर पुन: मुस्कुराहट लाई जाएगी, ये मामा का वादा है।
मुख्यमंत्री चौहान आज निवास से प्रदेश में बाढ़ से पीड़ित व्यक्तियों को आरबीसी 6/4, मनरेगा आदि योजनाओं के माध्यम से सहायता दिलवाए जाने के संबंध में बैठक ले रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी, आयुक्त जनसंपर्क सुदाम खाड़े आदि उपस्थित थे।
मकान नष्ट होने पर मिलेंगे एक लाख 32 हजार
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि जिन व्यक्तियों के मकान बाढ़ से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन्हें आरबीसी 6/4 के तहत एक लाख रूपए की राशि, मनरेगा के अंतर्गत मजदूरी की 20 हजार रूपए तथा शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रूपये की राशि इस प्रकार एक लाख 32 हजार की राशि प्रदान की जाए।
पशु शेड के लिए मिलेंगे 70 हजार से एक लाख रूपए
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि बाढ़ से पशु शेड भी नष्ट हुए हैं। ऐसे पशुपालक जिनके शेड नष्ट हुए है और जिनके पास 5 पशु है उन्हें 70 हजार रुपये और 10 पशु है तो एक लाख रूपए की राशि पशु शेड बनाने के लिये दी जाएगी। इससे वे अपना नया पशु शेड बनवा सकते हैं। बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों को अनाज एवं बर्तन-भाड़े इत्यादि के लिए 05 हजार रूपए क्षतिपूर्ति भी दी जाए।
खेत में कार्य कराने के लिए 3 लाख 80 हजार रूपए
अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि बाढ़ प्रभावित खेतों में खेत सुधार के लिए 3 लाख 80 हजार रूपए तक के कार्य कराए जाने का मनरेगा के अंतर्गत प्रावधान है। इसके अंतर्गत कपिलधारा कुआ, खेत-तालाब, मेढ़बांधन आदि कार्य कराए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि प्रावधानों के अंतर्गत प्रभावित किसानों को खेत सुधार के लिए अधिकतम लाभ दिलवाया जाए।
50 दिन का मिलेगा अतिरिक्त रोजगार
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मनरेगा योजना के अंतर्गत प्राकृतिक आपदा वाले क्षेत्रों में 100 दिन के रोजगार के अलावा 50 दिन के अतिरिक्त रोजगार का प्रावधान है। इस संबंध में केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर जल्दी से जल्दी अनुमति प्राप्त की जाए तथा बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में 50 दिन का अतिरिक्त रोजगार प्रदान किया जाए।
सार्वजनिक सम्पत्तियों का सुधार कराएं
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्रों का सुधार मनरेगा के अंतर्गत करवाया जाए। इसके अंतर्गत सिल्ट एवं कीचड़ हटाना, शांतिधाम मरम्मत, स्कूल बाउण्ड्रीवाल मरम्मत, बाजारों में सुधार, पंचायत भवन की मरम्मत, खेल मैदान सुधार आदि कार्य कराए जाएं। इसी के साथ ही बाढ़ का प्रभाव कम करने के लिए बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में कटाव रोकने के कार्य, जल स्त्रोतों की मरम्मत आदि कार्य भी कराए जाएं।
मकान बनवाने में जिला प्रशासन मदद करे
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सभी कलेक्टर्स को यह निर्देश जारी कर दिए जाएं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के क्षतिग्रस्त मकानों को बनाने में जिला प्रशासन तथा जिला पंचायत पूरी मदद करें। वे मकान बनाने का सामान आदि वाजिब दामों में लोगों को मिले इस संबंध में कार्रवाई करें।
स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को 4 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्व-सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा 4 प्रतिशत ब्याज दर पर विभिन्न गतिविधियों हेतु ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। हमें स्व-सहायता समूहों को उनके पैरों पर खड़ा करना है तथा प्रधानमंत्री के मंत्र ‘लोकल को वोकल’ को मूर्त रूप देना है। साथ ही प्रदेश की ‘एक जिला एक उत्पाद योजना’ को भी सार्थक करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड काल में एस.एच.जी. की महिलाओं द्वारा बनाए गए मास्क व पीपीई किट काफी अच्छी गुणवत्ता के रहे हैं। उन्हें इनके निर्माण के लिए प्रेरित किया जाए। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने कहा कि समस्त एस.एच.जी. महिलाओं के लिए एक पोर्टल बनाया जाए, जिसमें उनकी गतिविधियों संबंधी सभी जानकारी हो। इसी के साथ उन्हें मार्केट लिंकेज भी प्रदान की जाए।