सीआईआई ने इंदौर में सस्टेनेबल वैस्ट मैनेजमेंट कॉन्क्लेव के पहले संस्करण का आयोजन किया

Deepak Meena
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  • ई. के.आई., कमिंस, आईआईटी इंदौर, आईजीबीसी, ग्रीन कंपनी और सी.ई.एस.डी के वक्ताओं ने सर्कुलर मैन्युफैक्चरिंग, पैकेजिंग और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के बारे में ज्ञान साझा किया

इंदौर : भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने उद्योग और शहरों के भीतर बेहतर वेस्ट मैनेजमेंट के लिए एक सर्कुलर इकॉनमी के विचार को आगे बढ़ाने के अपने प्रयासों के तहत सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर अपने पहले संस्करण का आयोजन किया। कॉन्क्लेव में भारत की स्वच्छता के लिए सस्टेनेबल वेस्ट मैनेजमेंट समाधानों पर चर्चा करने और ग्रीन प्रोसेसेज और रणनीतियों को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए कार्बन क्रेडिट कंपनियों, वेस्ट मैनेजमेंट विशेषज्ञों, सरकारी अधिकारियों, उद्योग के नेताओं और अकादमिक विशेषज्ञों को एक प्लेटफार्म पर लाया।

इस कार्यक्रम में पैनल डिस्कशन, प्रेजेंटेशन और केस स्टडीज के माध्यम से जो सस्टेनेबल वेस्ट मैनेजमेंट और सर्कुलर इकॉनमी के कार्यान्वयन में प्रभावी मॉडल और सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रकाश डाला।

कॉन्क्लेव में सुश्री हर्षिका सिंह आईएएस, आयुक्त, इंदौर नगर निगम का विचारोत्तेजक मुख्य भाषण था, जिन्होंने कॉन्क्लेव के आयोजन में सीआईआई के प्रयासों की सराहना की और इंदौर शहर के वेस्ट मैनेजमेंट, प्रोसेसिंग और डिस्पोजल प्रणाली को बदलने में आई.एम.सी. ने जो प्रक्रिया अनुगम किया उसका मामला प्रस्तुत किया। उन प्रमुख क्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया जिन पर आई.एम.सी. ने लगातार ७ बार इंदौर को भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनाने के लिए ध्यान केंद्रित किया और वे विभाग के लिए आय उत्पन्न करने के लिए इसका उपयोग कैसे कर रहे हैं।

“पिछले कई वर्षों से सस्टेनेबिलिटी हमारे निगम के जीवन का एक मूलभूत पहलू बन गई है। यह सस्टेनेबल वेस्ट मैनेजमेंट प्रक्रिया का एक संस्थागत ढांचा बन गया है, जो 600 से अधिक वाहनों से घर-घर कचरा संग्रहण से लेकर कचरा स्टेशनों तक परिवहन और उसके बाद प्रसंस्करण संयंत्र में प्रसंस्करण तक लागू है।

पैनल डिस्कशन, प्रस्तुतियों और केस स्टडीज में सस्टेनेबल वेस्ट मैनेजमेंट में सफल मॉडल और सर्वोत्तम प्रथाओं पर जोर दिया गया और सर्कुलर इकॉनमी को अपनाने से वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नवीन तकनीकों और उत्पादों का प्रदर्शन किया गया, जिसमे बायोगैस संयंत्र, कंपोस्टिंग मशीनें, अपशिष्ट-से-ऊर्जा प्रणाली, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग इकाइयाँ, और वेस्ट मैनेजमेंट ऐप्स का भी जिक्र हुआ । आईआईटी इंदौर, ई.के.आई. एनर्जी सर्विसेज, ग्रीनको., आई.जी.बी.सी. और सी.ई.एस.डी. जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों और संगठनों के वक्ताओं ने औद्योगिक प्रक्रियाओं, कार्यालयों और वेस्ट मैनेजमेंट को हरित बनाने से संबंधित विभिन्न विषयों पर सत्र दिए।

आईजीबीसी इंदौर के सह-अध्यक्ष श्री विनोद बापना ने वक्ताओं, प्रायोजकों, भागीदारों और प्रतिनिधियों को उनकी भागीदारी और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “यह कॉन्क्लेव वेस्ट मैनेजमेंट में शामिल हितधारकों के बीच ज्ञान साझा करने और नेटवर्किंग के लिए एक सफल मंच था। हमें उम्मीद है कि कॉन्क्लेव उद्योग और समाज को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रथाओं को अपनाने और स्वच्छ और हरित भारत की दृष्टि में योगदान करने के लिए प्रेरित करेगा।