चित्रकूट गैंगरेप : पीड़िता ने लगाई फांसी, फिर यूपी पुलिस पर लगा गंभीर आरोप

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महिला सुरक्षा को लेकर लगातार यूपी पुलिस सवालो के घेरे में घिरते जा रही है। हाथरस गैंगरेप के बाद चित्रकूट से हैरान करने वाली खबर सामने आयी है। यहाँ पर एक गैंगरेप पीड़ित नाबालिक युवती ने मंगलवार को फांसी लगा कर अपनीं जान दे दी। पीड़ित परिवार द्वारा पुलिस पर एफआईआर दर्ज़ ना करने के कारण पीड़िता ने यह कदम उठाया।

परिवार द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद मामले ने राजनैतिक रूप ले लिया है। राजनेताओं एवं मंत्रियो का गांव आने जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। आज युवती का अंतिम संस्कार है। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए जिला प्रशासन ने गांव में भारी मात्रा में सुरक्षा बल तैनाक कर दिया है।

चित्रकूट के एसपी अंकित मित्तल के हवाले से खबर यह जानकारी मिली है कि मानिकपुर इलाके में रहने वाली एक 15 साल की नाबालिक युवती ने अपने ही घर में मंगलवार दिनांक 13 अक्टूबर को फ़ासी लगा ली है। एसपी के अपने जारी बयान में कहा कि लड़की की आत्महत्या के बाद पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया की 8 अक्टूबर को पीड़ित के साथ 3 लोगो ने जंगल में गैंगरेप किया था।

तीनो आरोपी पुलिस की गिरफ्त में

एसपी अंकित मित्तल ने बताया की पीड़ित पक्ष ने द्वारा लिखाई गई एफआईआर के आधार पर पुलिस ने तीनो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उन में से 1 आरोपी गांव के प्रधान का बेटा बताया जा रहा है। तीनो आरोपियों किशन उपाध्याय, आशीष और सतीश अभी पुलिस की गिरफ्त में है। पुलिस ने बताया कि इनकी गिरफ्तारी पॉक्सो एक्ट और एससी-एसटी एक्ट के तहत की गई है।

दूसरी तरफ पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया है की युवती ने आत्महत्या इसलिए किया क्योंकि उसकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही थी और साथ ही एक अन्य आरोप भी लगाया है कि घटना के बाद पुलिस ने ही युवती को जंगल से घर पर छोड़ा था पर एफआईआर नहीं लिखी थी।

पुलिस ने कहा रेप की पुष्टि नहीं हुई अभी

पुलिस के अनुसार पीड़ित पक्ष की ओर से कोई भी शिकायत नहीं की गई थी। एसपी अंकित मित्तल का कहना है की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी किसी प्रकार के रेप की पुष्टि नहीं हुई है।

यह घटना ने अब राजनैतिक रूप धरण कर लिया है। पीड़ित परिवार से मिलने वाले लोगो का यहाँ ताँता लग गया है। बड़ी बड़ी पार्टियों के नेता एवं दलित संगठनों के लोग भी गांव पहुंच रहे हैं। प्रशासन ने एहतियात तौर पर भारी पुलिस बल तैनाक कर दिया गया है।

बता दे बीते कुछ दिनों में यूपी में महिलओ खिलाफ हो रहे अत्याचार ने यूपी सरकार और यूपी पुलिस के कार्यशैली को घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है।