नहीं चलेगी चीन की चाल! 300 चीनी कंपनियों के खिलाफ भारत हुआ सख्त

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भारत सरकार ने विदेशी कंपनियों, विशेषकर चीनी कंपनियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं के बाद जीएसटी विभाग ने 300 से अधिक चीनी कंपनियों के जीएसटी रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया है। ये कंपनियां ऑनलाइन जुआ खेलने के ऐप्स के लिए विज्ञापन दे रही थीं, जो आम लोगों को धोखा दे रही थीं।

15 हजार करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े की जांच में सफलता

जीएसटी विभाग ने एक विशाल फर्जीवाड़े की जांच की, जिसमें 15 हजार करोड़ रुपये की हेराफेरी शामिल थी। सुरक्षा एजेंसियों से प्राप्त जानकारी के आधार पर इन कंपनियों के रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया गया है। जांच के दौरान पाया गया कि ये कंपनियां तीन साल से जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं कर रही थीं और चीनी कंपनियों को पैसे ट्रांसफर कर रही थीं। इस घोटाले की जांच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से की गई, जिससे साइबर फ्रॉड की परतें खुलीं।

साइबर अपराधियों का चीनी कनेक्शन: आम लोगों को लुभाने का खेल

नोएडा पुलिस की जांच में यह तथ्य सामने आया कि जीएसटी धोखाधड़ी में साइबर अपराधियों का लिंक चीन से जुड़ा था। ये अपराधी आम लोगों को चीनी ऐप्स डाउनलोड करने के लिए लिंक भेज रहे थे और नोएडा में फर्जी फर्म बना कर जीएसटी चोरी कर रहे थे। इस धोखाधड़ी से न केवल जीएसटी की चोरी हो रही थी, बल्कि लोगों को विभिन्न लालच देकर ठगा भी जा रहा था। जीएसटी विभाग की इस कार्रवाई से इन घोटालों की रोकथाम में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी।

फर्जी कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

जीएसटी विभाग ने 15 हजार करोड़ रुपये के विशाल फर्जीवाड़े में शामिल आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है। जांच के बाद, सुरक्षा एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर 300 कंपनियों के जीएसटी रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया गया है। ये कंपनियां पिछले तीन साल से जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं कर रही थीं और चीन को पैसे ट्रांसफर कर रही थीं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया गया।

साइबर फ्रॉड के पीछे चीन का हाथ

नोएडा पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि जीएसटी धोखाधड़ी मामलों में साइबर अपराधियों के लिंक चीन से जुड़े हुए थे। ये अपराधी आम लोगों को धोखा देने के लिए चीनी ऐप्स के डाउनलोड लिंक भेज रहे थे। नोएडा में फर्जी फर्म बना कर इन अपराधियों ने जीएसटी चोरी की और लोगों को विभिन्न लालच दिखाकर ठगा। जीएसटी विभाग की यह कार्रवाई अब इन धोखाधड़ी घटनाओं को रोकने में महत्वपूर्ण साबित होगी।