चीन का सफल प्रयास, चांद की सतह के नमूने लेकर रवाना हुआ अंतरिक्ष यान

Akanksha
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नई दिल्ली। रविवार को चांद की सतह के नमूने धरती पर लाने की तैयारी के बीच चीन के अंतरिक्ष यान ‘चांग-5’ ने चांद के पत्थर सफलतापूर्वक एक ‘ऑर्बिटर’ में भेजे। बता दे कि, इससे पहले करीब 45 वर्षों में पहली बार ऐसा प्रयास किया जा रहा है। दरअसल, 24 नवंबर को ‘चांग-5’ अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण किया गया था। 1 दिसंबर को चांद की सतह पर उतरा था। वही, चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (सीएनएसए) ने कहा कि, यान के ‘एसेंडर’ ने नमूने एकत्रित किए तथा धरती पर लौटने वाले ‘ऑर्बिटर-रिटर्नर’ से यह रविवार को सफलतापूर्वक जुड़ गया। अगले चरण में ‘ऑर्बिटर-रिटर्नर’ इस ‘एसेंडर’ से अलग हो जाएगा और धरती पर लौटने के लिए सही वक्त का इंतजार करेगा।

सीएनएसए ने आगे बताया कि, चांद से लिए गए नमूने स्थानीय समयानुसार सुबह छह बजकर 12 मिनट पर ‘एसेंडर’ से ‘रिटर्नर’ में स्थानांतरित कर दिए गए। नमूनों को एकत्रित करने करने के बाद ‘एसेंडर’ तीन दिसंबर को चांद की सतह से रवाना हो गया।

बता दे कि, ‘चांग-5’ चीन के अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास का सबसे अधिक जटिल एवं चुनौतीपूर्ण अभियान है। यह बीते 40 वर्ष से भी अधिक समय में दुनिया का पहला ऐसा अभियान है जिसमें चांद के नमूने धरती पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वही अगर यह मिशन सफल रहता है तो अमेरिका और पूर्ववर्ती सोवियत संघ के बाद चीन चांद के चट्टानी पत्थर धरती पर लाने वाला तीसरा देश बन जाएगा।

चांद की सतह के नमूने लेकर आने वाले कैप्सूल के चीन के उत्तरी हिस्से में स्थित इनर मंगोलिया क्षेत्र में दिसंबर माह के मध्य तक उतरने की आशंका है। इससे पहले चांद की सतह के नमूने 1976 में पूर्ववर्ती सोवियत संघ के लूना 24 द्वारा धरती पर लाए गए थे। वहीं, चीन ने विश्वभर में जमीनी वस्तुओं की हाई रेजोल्यूशन की तस्वीरें ले सकने में सक्षम पृथ्वी की निगरानी करने वाले एक नए उपग्रह का रविवार को सफल प्रक्षेपण किया है। वही, सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने बताया कि दक्षिण पश्चिम चीन के सिचुआन प्रांत में शिचांग उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से उपग्रह का प्रक्षेपण किया गया।