नई दिल्ली: पूरी दुनिया में कोरोना वैक्सीन बनाने की होड़ लगी हुई है। रूस ने दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन बनाने का दवा किया है लेकिन उस पर कई तरह के सवाल खड़े हुए है। इसी बीच चीन में करूणा वैक्सीन अपने आखिरी फेज में है। चीन की सिनोफार्म कंपनी ने दावा किया है कि उसकी वैक्सीना के ‘इम्यून रिस्पॉन्स ट्रायल’ में अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं।
चीन की कंपनी ने दावा किया है कि वैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल में प्रवेश कर चुकी है। दुनियाभर में एक्सपर्ट्स कह हैं कि कोरोना की वैक्सीन इस साल की शुरुआत तक विकसित हो सकती है। वैक्सीन की रेस में ब्रिटेन, अमेरिका और चीन सबसे आगे नजर आ रहे हैं।
सिनोफार्म के शोधकर्ताओं का कहना है कि प्रथम और मध्य चरण के ट्रायल में इसके सुरक्षित और इम्यूनिटी को बढ़ाकर एंटीबॉडी जेनरेट करने के प्रमाण मिले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अब रेगुलेटरी अप्रूवल के लिए इसकी एडवांस लेवल पर टेस्टिंग की जाएगी।
सिनोफार्म के चेयरमैन ने पिछले महीने ही मीडिया को बताया था कि एक अच्छी वैक्सीन इस साल के अंत तक तैयार हो जाएगी। इस वैक्सीन के तीसरे स्टेज का ट्रायल महज तीन महीने में पूरा कर लिया जाएगा। चीन का नेशनल फार्मास्यूटिकल ग्रुप सिनोफार्म इस वैक्सीन की टेस्टिंग यूएई में कर रहा है, क्योंकि लगातार घटते मामलों की वजह से चीन के पास बहुत कम परीक्षण स्थल बाकी रह गए हैं।
सिनोफार्म के शोधकर्ताओं और ‘डिसीज कंट्रोल ऑथोरिटीज ऑफ चाइना’ की यह रिपोर्ट ‘जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन’ में प्रकाशित हुई है। रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने बताया है कि इस वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण में 320 सेहतमंद लोगों को शामिल किया गया था। इनमें से किसी भी वॉलंटियर्स पर वैक्सीन के साइडइफेक्ट नहीं हुए हैं।