नई दिल्ली: भारत के खिलाफ चीन लगातार साजिशे रच रहा है। सीमा के बाद अब चीन हमारे धार्मिक स्थलों के पास सैन्य अड्डे बना रहा है। चीन ने कैलाश पर्वत के पास स्थित मानसरोवर झील के किनारे जमीन से हवा मेंमार करने वाली मिसाइलों के लिए साइट बनाना शुरू कर दिया है। अप्रैल में शुरू हुआ यह काम लगभग पूरा हो गया है।
कैलाश-मानसरोवर जैसे धार्मिक स्थान को मिलिट्री से घेर देना चीन की एक साजिश का हिस्सा है।चीन ने भारत द्वारा लिपुलेख में सड़क बनाए जाने के विरोध में भी इस साइट का निर्माण कराया है। गौरतलब है कि भारत ने 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित कैलाश मानसरोवर जाने के लिए लिपुलेख के पास 80 किलोमीटर लंबी सड़क बनवाई थी।
सैटेलाइट से मिली तस्वीरों से इस बात का खुलासा होता है कि चीन मानसरोवर झील के किनारे HQ-9 मिसाइल की तैनाती करने की तैयारी में है। यहां पर चीन HT-233 रडार सिस्टम लगा रहा है, जिससे मिसाइल का फायर सिस्टम काम करता है। इसके अलावा टाइप 305बी, टाइप 120, टाइप 305ए, वाईएलसी-20 और डीडब्ल्यूएल-002 रडार सिस्टम भी लगाए जा रहे हैं। ये सभी टारगेट्स को ट्रैक कर उन्हें खत्म करने में मदद करते हैं।
ये मिसाइलें भारतीय सीमा से मात्र 90 किलोमीटर दूर तैनात की जाएंगी। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने यहां पहले तीर्थयात्रियों के लिए एक छोटा सा अस्थाई रहवास जैसा बनाया था। साथ ही कई होटल्स और घर भी बने हुए हैं लेकिन पिछले कुछ महीनों में यहां पर एक हाइवे, कुछ नए होटल्स और नई इमारतें बन चुकी हैं।
चीन कैलाश पर्वत की पवित्रता को खत्म करना चाहता है इसलिए वह मानसरोवर और राक्षसताल से होने वाली परिक्रमा में बाधा पहुंचाना चाहता है। चीन ने दो वीडियो जारी किए थे जिसमें दिखाया गया था कि मानसरोवर के पास एक सड़क पर मई और जून में उसके टैंक्स चल रहे हैं। वह उसके कब्जे वाले भारतीय और तिब्बती इलाकों में सैन्य तैनाती कर रहा था।
कुछ दिन पहले ट्विटर पर ओपन सोर्स इंटेलिजेस detresfa ने एक सैटेलाइट इमेज ट्वीट की है। इसमें ट्विटर हैंडलर ने लिखा है कि चीन लिपुलेख में ट्राई-जंक्शन एरिया में मिसाइल ठिकानों का निर्माण कर रहा है। detresfa के अनुसार इसके अलावा वहां सैनिकों की तैनाती भी है।