म्युनिस्ट पार्टी के नेता के पी शर्मा ओली ने सोमवार को चौथी बार नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। देश की सबसे बड़ी पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता को राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने नई गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के लिए नेपाल का पीएम नियुक्त किया, ओली संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बने हैं।
दरअसल पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड शुक्रवार को प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हार गए। ओली को राष्ट्रपति पौडेल ने राष्ट्रपति भवन के मुख्य भवन शीतल निवास में शपथ दिलाई। ओली को अब संवैधानिक आदेश के अनुसार नियुक्ति के 30 दिनों के भीतर संसद से विश्वास मत हासिल करना होगा। 275 सीटों वाली प्रतिनिधि सभा (एचओआर) में ओली को न्यूनतम 138 वोटों की आवश्यकता होगी।
के पी शर्मा ओली नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। पिछले कार्यकाल के दौरान के पी शर्मा ओली के रिश्ते भारत के साथ बेहद तनावपूर्ण रहे हैं। के पी शर्मा ओली चीन के समर्थक माने जाते हैं। ओली के पीएम रहने के दौरान कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख का विवाद काफी गंभीर हो गया था। ओली ने भारत के इन क्षेत्रों पर नेपाल का दावा ठोंक दिया था। ऐसे में माना जा रहा भारत नेपाल के रिश्तों में फिर से खटास आ सकती है।