हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, पीछे हटने के बाद भी LAC पर 40 हजार चीनी सैनिक तैनात

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नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच तनाव काम करने के लिए चीन ने हाल ही में अपनी सेना को पीछे हटाने के लिए सहमति जताई थी। लेकिन सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि पूर्वी लद्दाख के मोर्चे और गहराई वाले इलाकों में चीन के करीब 40 हजार सैनिको की तैनाती अभी भी जारी है।

हाल ही में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने रविवार को कहा कि भारत की सरजमीं पर चीनी कब्ज़े का दुस्साहस लगातार बना है। चीन डेपसांग प्लेंस तथा पैंगोंग त्सो लेक इलाके में न केवल जबरन कब्ज़ा बनाए है, बल्कि चीन के अतिरिक्त सैन्य निर्माण से साफ तौर पर खतरे का आभास भी है।
साथ ही रणदीप सिंह ने कहा कि मोदी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीनी दुस्साहस और कब्ज़े को लेकर केवल मीडिया के माध्यम से भ्रम का जाल पैदा करने में लगे हैं।
उसके साथ ही रणदीप सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोदी सरकार से पांच सवाल किए हैं।

सुरजेवाला ने पहला सवाल किया कि देश के लगभग हर समाचार पत्र, आर्मी जनरल व सैटेलाइट तस्वीरों व अब रक्षा मंत्री के खुद के बयान द्वारा प्रधानमंत्री जी के हमारी सीमा में चीनी घुसपैठ न होने के बयान को साफ तौर से झुठलाया जा रहा है। क्या प्रधानमंत्री जी ने सर्वदलीय बैठक को चीनी घुसपैठ के बारे में सही तथ्य नहीं बताए?

दूसरा सवाल: देश के रक्षा मंत्री द्वारा दिए गए ट्वीटर पर बयान का मतलब है कि चीन से बातचीत के द्वारा हल निकलने की कोई गारंटी नहीं है? क्या चीनी कब्जे को स्वीकार करते हुए मोदी सरकार ने यह मान लिया है कि वो अब इसका कोई हल नहीं निकाल सकते?

कांग्रेस प्रवक्ता ने तीसरा सवाल पूछा कि, क्या चीन अब भी डेपसांग प्लेन्स व दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में सैन्य निर्माण कर रहा है, जैसा सैटेलाइट तस्वीरें दिखा रही हैं?

चौथा सवाल यह किया कि भारत की सीमा में हो रहे, भारत की सरजमीं पर हो रहे इस चीनी निर्माण के बारे में, हमारी सरजमीं की रक्षा हेतु मोदी सरकार क्या कदम उठा रही है? क्या चीन ने अब भी फिंगर 4 से फिंगर 8 के बीच पैंगोंग त्सो लेक इलाके में कब्ज़ा बना रखा है? चीनी सेना से यह कब्ज़ा छुड़वाने बारे में मोदी सरकार की रणनीति क्या है?

कांग्रेस प्रवक्ता में पांचवा सवाल यह पूछा कि मई, 2020 से पहले की यथास्थिति बनाने के बारे में व चीन को भारतीय सीमा से पीछे धकेलने के बारे कितना समय और लगेगा व मोदी सरकार की इस बारे में नीति, रास्ता और दृष्टि क्या है?