अमेरिकी नेतृत्व वाला गु्रप नाटो पूरे दुनियाभर में प्रसिध्द है। दुनिया के 30 यूरोपीय देश शामिल है। जो एक दूसरे की सुरक्षा के लिए प्रतिबध्द है। इसी तर्ज पर अब चीन भी सुरक्षा संगठन बनाने की तैयारी में है। जिसका नाम होगा ग्लोबल सिक्योरिटी इनसिएटिव इसका उद्देश्य एक एशियाई सुरक्षा ढांचा का निर्माण करना है। इस बात की जानकारी विदेश मंत्री ले युचेंग ने पिछले सप्ताह सार्वजनिक की थी।
बता दें चीन एशिया में अमेरिका के लगातार बढ़ते प्रभाव से चिंतित है। ऐसे में वह नाटो जैसे एक नए गठबंधन का निर्माण करना चाहता है, ताकि अमेरिका पर दबाव बढ़ा सके। वहीं, चीन की श्बेल्ट एंड रोड पहलश् को कई भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। चीन बढ़ते कोविड मामलों के कारण दुनिया के लिए काफी हद तक बंद है। ऐसे में चीन लोगों के बीच फैल रहे गुस्से को शांत करने के लिए सुरक्षा के मोर्चे पर एक नई कहानी को आकार देने में व्यस्त हैं।
रक्षा जानकारों की माने तों यह भारत के लिए वैश्विक सुरक्षा पहल लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफा बदलने के चीन के प्रयासों के बीच आया हैै सूत्रों ने आगे कहा, जीएसआई के तहत, चीन, भारत और दक्षिण एशिया के अन्य देशों को अपने स्वयं के एक व्यापक एशियाई सुरक्षा ढांचे के तहत लाने की कोशिश करेगा। चीन दक्षिण सागर के मुद्दे को लेकर काफी अग्रेसिव रहा है। वहीं ये कदम भारत की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।
खबरों की मानें तो चीनी वैश्विक सुरक्षा पहल का पहला सदस्य पाकिस्तान बनेगा। इस इनिशिएटिव को लेकर पाकिस्तान और चीन के बीच वार्ता भी हो रही है। गौरतलब है कि पड़ोसी देश अपनी सुरक्षा के लिए पूरी तरह पर चीन पर निर्भर है। दोनों देशों के बीच पुराना और मजबूत रक्षा संबंध हैं। ऐसे में इस बात की पूर्ण संभावना है कि चीन के अनुरोध पर पाकिस्तान इस वैश्विक सुरक्षा पहल का सदस्य बने।