इंदौर 7 अगस्त, 2020
सेवा परमो धर्म सिद्धांत का पालन करते हुये इंदौर में शासकीय चिकित्सक सेवा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत कर रहे है। कोरोना के इलाज के दौरान अस्पताल में जब मरीज अकेला होता है तो उसे परिजनों की कमी होती है। ऐसे समय में इंदौर में सेवा का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करते हुये उनकी परिवार के सदस्यों के तरह देखभाल की जा रही है। ऐसा ही एक अनूठा उदाहरण इंदौर के एमआरटीबी हॉस्पिटल में भी देखने को मिल रहा है। यहां भर्ती 75 वर्ष की बुजुर्ग महिला विजया का परिवार के सदस्य की तरह देखभाल किया जा रहा है।
परदेशीपुरा में रहने वाली यह महिला विगत 30 जुलाई से इस अस्पताल में भर्ती है। कोरोना के अलावा उसे अन्य गंभीर बीमारियां भी है। बुजुर्ग होने से वह खान-पान स्वयं अपने हाथो से करने में असमर्थ है। परिवार के सदस्य भी साथ नहीं है। ऐसे समय में एमआरटीबी हॉस्पिटल के चिकित्सकों और अन्य स्टॉफ ने इस बुजुर्ग महिला की सेवा को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है। इस महिला को वह स्वयं अपने हाथो से बच्चों की तरह दूध पिला रहे है। साथ ही वे उसे समय पर दवाईयां और खाना-पीना भी दे रहे है। अस्पताल के प्रभारी डॉ. सलील भार्गव ने बताया कि डॉ. दीपक बंसल और उनके सहयोगियों द्वारा इस कार्य में सराहनीय भूमिका निभाई जा रही है। उन्होंने चिकित्सकीय धर्म के साथ ही मानवता के धर्म का पालन करते हुये मरीजों की सेवा का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया जा रहा है। कहा जाता है कि वृद्ध लोगों का शरीर जब शिथिल अथवा बीमार हो जाता है, ऐसे समय वह आश्रित और बेसहारा रहते है। ऐसे समय में इन लोगों की सेवा को ईश्वर की सेवा के समतुल्य माना गया है।