रायसेन: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने रायसेन के सोम डिस्टलरीज शराब फैक्ट्री में छापा मारकर एक चौंकाने वाली सच्चाई का खुलासा किया है। इस फैक्ट्री में 60 से भी अधिक नाबालिग लड़के-लड़कियों को 15-15 घंटे तक कम मजदूरी पर काम कराया जा रहा था। इन बच्चों को स्कूल बसों के माध्यम से फैक्ट्री लाया जाता था और उनके हाथ केमिकल से जल गए थे।
यह घटना बाल मजदूरी और बच्चों के शोषण का एक भयानक उदाहरण है। 6वीं, 9वीं और 12वीं कक्षा के ये बच्चे अपनी शिक्षा से वंचित होकर खतरनाक परिस्थितियों में काम करने को मजबूर थे। NCPCR ने इस मामले में फैक्ट्री मालिक के खिलाफ FIR दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी है। साथ ही, आबकारी अधिकारियों और जिले के अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
अन्य शराब कंपनियों में हड़कंप:
इस घटना के बाद रायसेन और आसपास के क्षेत्र में संचालित अन्य शराब कंपनियों में हड़कंप मच गया है। NCPCR ने चेतावनी दी है कि इस तरह के अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का कहना है बचपन बचाओ से शिकायत मिली थी कि रायसेन जिले के सेहतगंज में सोम डिस्टिलरीज नाम की शराब फैक्ट्री में बच्चों से बाल मजदूरी कराई जा रही है। जहां पर निरीक्षण के दौरान पाया गया 50 से अधिक बच्चे शराब बनाने का काम कर रहे थे। बच्चों को रेस्क्यू किया गया। जहां बच्चों को स्कूल बस में भरकर लाया जाता था। स्कूल बस मौके पर खड़ी मिली। बच्चों से कम पैसों में 15-15 घंटे काम कराया जाता था। हम पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा रहे हैं इसके मालिक को गिरफ्तार करवाएंगे।