Delhi: दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और केंद्र सरकार के बीच मुख्यमंत्री आवास को लेकर टकराव तेज हो गया है। मुख्यमंत्री आतिशी के आवास खाली करने की प्रक्रिया के दौरान आप ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान एक महिला मुख्यमंत्री का सामान उनके घर से बाहर फेंक दिया गया। पार्टी ने इस घटना को लेकर बीजेपी की निंदा की और कहा कि यह दिल्ली की जनता के प्रति उनके समर्पण को दिखाता है।
संजय सिंह का ट्विटर पर बयान
देख लो भाजपाइयों!
तुमने एक चुने हुए मुख्यमंत्री से उसका दिल्ली की जनता द्वारा दिया हुआ घर तो छीन लिया
लेकिन दिल्ली की जनता के लिए काम करने के जज़्बे को कैसे छीनोगे?
तुमने नवरात्रि में एक महिला मुख्यमंत्री का जो घर का सामान उनके घर से फिंकवाया वो भी देख लो और दिल्ली की जनता के… pic.twitter.com/r2Roq2LUga
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) October 10, 2024
आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर मुख्यमंत्री आतिशी की तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने लिखा, “भाजपाइयों! आपने एक चुने हुए मुख्यमंत्री से उनका आवास तो छीन लिया, लेकिन काम करने का जुनून कैसे छीन लेते हैं?” उनकी पोस्ट में दिखाया गया है कि सीएम आतिशी सोफे पर बैठकर एक फाइल पर हस्ताक्षर कर रही हैं, जबकि उनके चारों ओर कई गत्ते के डिब्बे रखे हुए हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री का सामान बताया जा रहा है।
एलजी कार्यालय का जवाब
इससे पहले, दिल्ली मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर सिविल लाइंस में 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास को जबरन खाली कराया गया। ऐसा कहा गया है कि यह बंगला एलजी वीके सक्सेना द्वारा बीजेपी नेता को आवंटित किया जा रहा है।
विवाद की नई परत
सीएमओ द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद आप सरकार और एलजी कार्यालय के बीच टकराव और बढ़ गया है। दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप ने स्थिति को और भी तनावपूर्ण बना दिया है।
एलजी कार्यालय का दावा
एलजी कार्यालय के सूत्रों ने यह भी कहा कि 6, फ्लैगस्टाफ रोड बंगला आधिकारिक आवास नहीं है और इसे अभी तक मुख्यमंत्री आतिशी को आवंटित नहीं किया गया। सूत्रों का कहना है कि आतिशी ने बिना आवंटन के अपना सामान वहां रख लिया था और बाद में उसे खुद ही हटा लिया।
नई मुख्यमंत्री का आवास
आतिशी ने सोमवार को अपना सामान लेकर उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित बंगले में कदम रखा। यह बंगला 9 वर्षों तक अरविंद केजरीवाल के पास था, जिन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद इसे खाली किया। अब देखना यह है कि यह विवाद कब और कैसे समाप्त होता है।