कांग्रेस का शिवराज पर वार, इंदौर के 1 लाख परिवारों को हाशिए पर फेंका

Shivani Rathore
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इंदौर : कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला एवं विशाल पटेल ने कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इंदौर की यात्रा के दौरान एक लाख परिवारों को दैनिक जीवन के कारोबार से अलग कर हाशिए पर पहुंचा गए हैं। फल – सब्जी किराना की दुकानों पर रोक लगाना गलत है। इससे एक तरफ जहां किसान छोटे व्यापारियों का नुकसान होगा तो वहीं दूसरी तरफ शहर का छोटा कारोबारी भी कर्ज के दलदल में फंस जाएगा।

विधायक शुक्ला एवं पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री इंदौर में उस वक्त कोरोना की समीक्षा करने आए जब कोरोना के संक्रमण की दर कम होकर 10% तक आ गई है। जिस वक्त यह दर 20% चल रही थी उस वक्त मुख्यमंत्री को अपने सपनों के शहर की याद नहीं आई । अपनी इंदौर यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने इंदौर में रेमदेसीविर इंजेक्शन की उपलब्धता को सुनिश्चित करने या फिर ब्लैक फंगस के इलाज के इंजेक्शन को उपलब्ध कराने जैसा जनहित का कोई कदम नहीं उठाया।

मुख्यमंत्री के द्वारा कर्फ्यू का सख्ती से पालन कराने का आदेश दिया गया। जिसके परिपालन में कलेक्टर के द्वारा फल और सब्जी किराना की दुकानों पर रोक लगा दी गई। किराने की छोटी दुकानों को भी बंद कर दिया गया और बड़ी दुकानों को होम डिलीवरी देने की छूट दे दी गई।

कांग्रेस विधायकों ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री इंदौर को कोई सौगात तो दे नहीं सके लेकिन यहां आकर उन्होंने फल सब्जी और किराना के कारोबार में लगे 100000 नागरिकों के हितों पर हमला किया। इन नागरिकों की कमाई को रोक दिया। मुख्यमंत्री के इस आदेश के कारण छोटे कारोबारियों को हजारों रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा।

इंदौर के प्रशासन ने बड़े कारोबारियों के हित को साधने में कभी कोई कमी नहीं रखी है। अभी भी बड़े किराना व्यापारियों को होम डिलीवरी करने की छूट दे दी गई है। यह छूट गली मोहल्ले में किराने की दुकान चलाकर आम नागरिक की दैनिक जरूरत की वस्तुओं की पूर्ति करने वाले छोटे कारोबारियों के साथ अत्याचार है।

विधायक विशाल पटेल ने कहा कि गांव का किसान फल और सब्जी को लेकर बड़ी मंडी में बेचने जाता है। इसे बेचने से मिलने वाले पैसे से ही इस किसान का जीवन यापन होता है। अचानक फल और सब्जी के विक्रय को प्रतिबंधित कर दिए जाने के कारण किसानों कि हजारों क्विंटल फल सब्जी खराब हो जाएगी जिससे उन्हें लाखों रुपए का नुकसान होगा। इस नुकसान के लिए जिम्मेदार सीधे-सीधे मध्यप्रदेश शासन और इंदौर का प्रशासन है।

दोनों कांग्रेसी विधायकों ने मांग की है कि सरकार फल और सब्जी की दुकानों एवं किराना दुकानों को पूर्व की तरह छूट दे। यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि इन दुकानों के चलते हुए ही इंदौर में संक्रमण की दर 20% से घटकर 10% हुई है। इससे स्पष्ट है कि यह दुकाने नागरिकों की आवश्यकता की पूर्ति का साधन है।