इंदौर : मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता एवं सांवेर उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी के मीडिया समन्वयक श्री संतोष सिंह गौतम ने आज जारी अपने वक्तव्य में कहा कि भाजपा द्वारा सांवेर में आयोजित कार्यक्रम और जनसभा पूरी तरह से “फ्लाॅप शो” साबित हुआ, स्थानीय जनता के समर्थन के अभाव में इंदौर सहित आसपास के जिलों से भी भीड़ इकठी करने की नाकाम कोशिश की गई।
श्री गौतम ने कहा कि पूरे कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया को खुश करने के लिए पूरे इंदौर जिले के सरकारी तंत्र ने भारतीय जनता पार्टी के नौकरों की तरह जो बर्ताव किया, वह शर्मनाक है। पूरे कार्यक्रम के लिए लगभग 950 बसों का जबरदस्ती अधिग्रहण किया गया, जिसमें डीजल की व्यवस्था खाद्य विभाग द्वारा करवाई गई, यह सत्ता की ताकत का न केवल भौंडा प्रदर्शन था बल्कि आदर्श चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन भी था। यह स्पष्ट हो गया है कि यह सरकारी नहीं बल्कि पूरी तरह से चुनावी कार्यक्रम था, जिसमें मुख्यमंत्री सहित सभी भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर झूठे आरोप लगाने के साथ ही भाजपा के लिए मतदान की गुहार भी की है, इसलिये इस पूरे कार्यक्रम का खर्च भाजपा प्रत्याशी के खर्च में जोड़ा जाना चाहिए।
सभा के लिए मंच का निर्माण भी लगभग 30 लाख रुपये की लागत से 20 हजार स्क्वेयर फीट पर किया गया था। पूरे कार्यक्रम में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का उपयोग न के बराबर हुआ और सैनिटाइजर की कोई व्यवस्था भी सभा में कहीं नहीं थी। भीड़ न जुटने की आशंका के चलते आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, कोटवार, मस्टर कर्मी, शिक्षक आदि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को बुलाकर अपना झूठा जनाधार दिखाने की कोशिश की गई। केवल यही नहीं आसपास की फैक्ट्रियों को बंद करा कर, वहां के मजदूरों को भी जबरदस्ती सभा तक पहुंचाया गया। कई महिलाओं ने सभास्थल पर कहा कि हमें कुटीर आवंटित करने का लालच देकर सभा में बुलाया गया था।
अपने वक्तव्य में श्री गौतम ने आगे कहा कि सैनिटाइजर का उपयोग न होने के कारण इस सभा के बाद जो कोरोना बम फूटेगा, उससे होने वाले संक्रमण और मौतों की जिम्मेदारी भी पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी, उसकी प्रदेश सरकार, उसका जिला प्रशासन और उसकी पुलिस की होना चाहिये और यदि इस सभा के बाद सांवेर और उसके आसपास के क्षेत्रों में कोरोना के मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि होती है तो पूरे इंदौर जिला प्रशासन, जिला कलेक्टर और सांवेर तहसील प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों पर एक पार्टी के पक्ष में खुलेआम काम करने, निष्पक्ष चुनाव को बाधित करने, आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन और लोगों के स्वास्थ्य और जीवन के साथ खिलवाड़ करने के लिए आपराधिक लापरवाही का प्रकरण अविलंब दर्ज होना चाहिये।