रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य में गत 20 वर्षों में पहली बार राज्य प्रशासनिक सेवा के कनिष्ठ अधिकारी की जनसंपर्क संचालक पद पर नियम विरूद्ध पदस्थ करने के विरोध में पूरे प्रदेश में आज जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने कलम बंद विरोध किया। छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ द्वारा समर्थित छत्तीसगढ़ जनसंपर्क अधिकारी संघ का यह कलम बंद विरोध पूरी तरह सफल रहा। एक तरफ समूचे राज्य में जनसंपर्क विभाग की ओर से कोई भी शासकीय सूचनाएं, समाचार, विज्ञप्ति एवं विज्ञापन आदि जारी नहीं हुए। वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ ने जनसंपर्क विभाग की इन मांगों का पुरजोर समर्थन कर समूचे राज्य में काली पट्टी लगाकर विरोध दर्ज किया।
छत्तीसगढ़ जनसंपर्क अधिकारी संघ ने आज राजभवन में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के शपथ ग्रहण और माननीय राज्यपाल के पद की गरिमा के अनुकूल कार्यक्रम की महत्ता को ध्यान में रखकर राजभवन प्रेस प्रकोष्ठ को कलम बंद विरोध से मुक्त रखा। इसी तरह कवर्धा में कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर जिला जनसंपर्क कार्यालय कवर्धा को भी इस विरोध प्रदर्शन से लोकहित में मुक्त रखा गया।
छत्तीसगढ़ जनसम्पर्क अधिकारी संघ के आव्हान पर राजधानी समेत प्रदेश के सभी जिलों के जनसम्पर्क कार्यालयों में संपूर्ण ताला बंदी रही। प्रदेशभर के सभी जनसम्पर्क कार्यालयों में कलम बंद का ऐतिहासिक असर देखने को मिला। जनसम्पर्क संचालनालय तथा सभी जनसम्पर्क कार्यालयों में अधिकारियों-कर्मचारियों सहित समस्त स्टॉफ की उपस्थिति शून्य रही तथा कार्यालयों में ताला बंद रहे।
छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ के सैकड़ों सदस्यों ने अध्यक्ष श्री कमल वर्मा के प्रखर नेतृत्व में आज नवा रायपुर इंद्रावती भवन में छत्तीसगढ़ जनसम्पर्क अधिकारी संघ की मांगों का पुरजोर समर्थन करते हुए जनसम्पर्क विभाग में राज्य प्रशासनिक सेवा के कनिष्ठ अधिकारी को संचालक पद पर पदस्थ किए जाने के विरोध में काली पट्टी लगाकर जबरदस्त प्रदर्शन किया। जनसम्पर्क विभाग की मांगों के समर्थन में छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ ने प्रदेशभर में काली पट्टी लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही राज्य प्रशासनिक सेवा के कनिष्ठ अधिकारी को संचालक पद से तत्काल हटाने की मांग की। छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ के अध्यक्ष कमल वर्मा ने कहा कि सभी विभागों में योग्य अधिकारियों की कोई कमी नहीं है। ऐसे में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की विभागाध्यक्ष जैसे पद पर नियुक्ति करना विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अपमान के साथ ही नियम विरूद्ध है। श्री वर्मा ने कहा कि इस अन्याय के खिलाफ खड़ा होना बहुत जरूरी है, नहीं तो सभी विभागों में राज्य प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति कर दी जाएगी। इससे विभागीय अधिकारियों के कैरियर को बहुत नुकसान होगा। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को विभिन्न विभागों में पदस्थ करने से ऐसा प्रतीत होता है, कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की संख्या अधिक हो चुकी है एवं इन अधिकारियों को विभिन्न विभागों में समायोजन किये जाने का प्रयास किया जा रहा है।
अतः छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ मांग करता है कि राज्य प्रशासनिक सेवा का कैडर रिविजन किया जाए तथा अधिक संख्या पाए जाने पर राज्य के वित्तीय भार को कम करने के लिए ऐसे पद समाप्त किए जाये। छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ ने यह भी मांग की है कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की तरह ही अन्य विभागों के प्रथम श्रेणी अधिकारियों को भी राज्य प्रशासनिक सेवा के पदों पर पदस्थ किया जाए। राजपत्रित अधिकारी शासन के सभी विभागों की रीढ़ है, उन्हंे इस तरह अनदेखा नहीं किया जा सकता। इस अन्याय के खिलाफ सभी राजपत्रित अधिकारियों को एकजुट हैं। छत्तीसगढ़ राजपत्रित अधिकारी संघ ने मांग की है कि यदि राज्य शासन संघ की मांगों को संज्ञान में लेते हुए तत्काल कार्यवाही नहीं करती है, तो राजपत्रित अधिकारी संघ भविष्य में राज्य स्तर पर उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।
उल्लेखनीय है कि जनसंपर्क अधिकारी संघ की मांग है कि अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी की पदस्थापना नहीं होने की दशा में नियमानुसार विभागीय वरिष्ठ अधिकारी को संचालक जनसंपर्क के पद पर पदस्थ किया जाए, किन्तु किसी भी स्थिति में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को पदस्थ नहीं किया जा सकता।
इसी प्रकार छत्तीसगढ़ संवाद गठन के संबंध में मंत्रिमंडल के फैसले के अनुरूप प्रतिनियुक्ति पर विभागीय अधिकारी ही पदस्थ किए जाते रहे हैं। इन पदों पर वर्तमान में राज्य प्रशासनिक सेवा और अन्य संवर्ग के अधिकारी की पदस्थापना नियम विरूद्ध की गई है। जनसम्पर्क अधिकारी संघ ने स्पष्ट किया है कि सांकेतिक कलम बंद के बाद भी मांगें पूरी नहीं होने तक अधिकारी-कर्मचारी काली पट्टी लगाकर ही काम करेंगे।