चेन्नई। आईएमएच (Institute of Medical Health) चेन्नई ने दो ट्रांसजेंडर की जिंदगी बदली। दरअसल, आज 2 ट्रांसजेंडर को रोजगार ऑफर करके उनके जीवन को एकदम नई दिशा दी है। उन्हें फिलहाल ये नौकरी कॉन्ट्रैक्ट पर दी गई है, जिसकी आय स्थिर होती है। वहीं IMH की निदेशक पूर्णा चंद्रिका ने कहा कि वो ट्रांसजेंडर से मिलती थीं क्योंकि उन्हें ट्रांसजेंडर वेलफेयर कार्ड प्राप्त करने के लिए IMH से प्रमाण पत्र प्राप्त करने की आवश्यकता होती थी। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा सोचा कि यदि इन्हें एक स्थिर नौकरी दी जाए तो वे जीवन में उत्कृष्टता हासिल करेंगे।
साथ ही निदेशक ने कहा कि हम चर्चा कर रहे थे कि ट्रांसजेंडर दुनिया में कई तरह की समस्याओं का सामना करते हैं, इनमें सबसे मुख्य एक बेरोजगारी है। जब उनके पास नौकरी नहीं होती तभी उन्हें व्यावसायिक यौनकर्मी बनने के लिए मजबूर होना पड़ता है या फिर कई बार वो एक दुकान से दूसरी दुकान जाकर पैसा मांगते है। वो कहती हैं कि मुझे बहुत आश्चर्य होता है कि काबिलियत होने के बावजूद सिर्फ ट्रांसजेंडर होने के कारण बहुत से युवाओं को मरीन इंजीनियर, लेक्चरर और तमाम प्रोफेशनल जॉब नहीं मिल सके। इसीलिए मनीषा और वैष्णवी को देखकर उन्हें तुरंत जॉब ऑफर की।
साथ ही मनीषा का कहना है कि एक ट्रांसजेंडर के लिए ऐसी नौकरी पाना आसान नहीं है। नौकरी मिलने पर मैं बहुत आभारी हूं। हमें यहां कोई समस्या नहीं है और केवल यही चाहते हैं कि हमारी कम्युनिटी को भी शिक्षा और नौकरियों में समान अवसर मिले। हम जहां भी नौकरी की तलाश में गए, नियोक्ता ने हमें अगले दिन आने का आश्वासन देकर लौटा दिया और कुछ नहीं हुआ। मनीषा ने कहा कि मेरा अब एकमात्र उद्देश्य किसी अन्य सामान्य महिला की तरह जीवन जीना है। उन्होंने कहा कि मेरा उद्देश्य उन लोगों की मानसिकता को भी बदलना है जिन्होंने हमें कलंकित किया है। काश, वे भी हमारे साथ समान व्यवहार करें।
वहीं वैष्णवी ने अपनी ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि मैं वास्तव में खुश हूं क्योंकि मुझे यहां नौकरी मिल गई है। मैं बस यही चाहती हूं कि अन्य ट्रांसजेंडरों को भी ऐसे अवसर मिले। 15 साल की उम्र में मुझे मरने के लिए कहा गया। मेरे पिता मां से पूछते थे कि इसे खाना क्यों दे रही हो। फिलहाल अब मेरे परिवार ने मुझे स्वीकार कर लिया है। वैष्णवी ने यह भी कहा कि उन्हें लगा कि एक व्यावसायिक यौनकर्मी बनने से कहीं अच्छा भीख मांगकर जीविका चलाना है।