मिशन चंद्रयान-3 अपडेट :रविवार 6 अगस्त को रात करीब 11 बजे चंद्रयान-3 द्वारा ऑर्बिट को कम किया जायेगा। फ़िलहाल भारत का तिरंगा हर जगह ऊँचा करने वाला चंद्रयान-3 चांद पर ऐसी अंडाकार कक्षा में घूम रहा है। जिसमें चंद्रयान-3 की चांद से सबसे कम दूरी 164 Km और सबसे ज्यादा दूरी 18074 Km है। चंद्रयान ने 22 दिन के सफर के बाद शनिवार शाम करीब 7:15 बजे चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था।
चंद्रयान-3 चंद्रमा की ग्रैविटी में कैप्चर हो सके, इसके लिए उसकी स्पीड कम की गयी। इसके लिए इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान के फेस को पलटकर थ्रस्टर करीब आधे घंटे के लिए फायर किए। ये फायरिंग शनिवार को शाम 7:12 बजे से शुरू की गई थी। फायरिंग के बाद चंद्रयान 164 Km x 18074 Km की ऑर्बिट में पहुंच गया है। इसकी जानकारी ISRO ने अपने प्रमुख सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की। मिशन की जानकारी देते हुए इसरो ने पोस्ट में लिखा, ‘MOX, ISTRAC, दिस इज चंद्रयान-3। चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का मिशन चंद्रयान-3 अपना परचम लहराने के लिए चंद्रमा की और तेजी से बढ़ रहा है। भारत के ऐतहासिक मिशन चंद्रयान-3 की कामयाबी दिन प्रतिदिन नजर आ रही है। धीरे-धीरे जमीन से चलकर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से कामयाबी के साथ बाहर निकलने के बाद अब चंद्रयान-3 चाँद की सतह पर लैंड करने के लिए अपने कदम बड़ा चुका है। पृथ्वी के पांच चक्कर लगाने के बाद अब चंद्रयान-3 चाँद की कक्षा में चक्कर लगा रहा है।
चंद्रयान-3 की पल पल की जानकारी (ISRO) आधिकारिक रूप से अपने सारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साँझा कर रहा है। हर भारतीय को चंद्रयान-3 से उम्मीद है कि चंद्रयान ऐसा करने में सफल होगा। इससे पहले भी भारतीय वैज्ञानिकों ने इस काम में दो बार सफलता हासिल की है। लेकिन चंद्रयान-3 का उद्देश्य न केवल चंद्रमा की कक्षा में जाना है इसका उद्देश्य सतह पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करना। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मुताबिक 23 अगस्त को चंद्रयान-3 चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा।