झारखंड में नई सरकार बनते ही पार्टी में बगावत की खबरें आने लगी हैं । जानकारी के मुताबिक चंपई सोरेन को सीएम बनाने के फैसले से जेएमएम के विधायक नाराज है।इसके बाद से फ्लोर टेस्ट पर डर सताने लगा है। वहीं महागठबंधन के विधायकों को किसी भी संभावित टूट से बचाने के लिए झारखंड में अब रिजॉर्ट पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। विधायकों को हैदराबाद ले जाया गया है, और गठबंधन सरकार के करीब 40 विधायक हैदराबाद शिफ्ट कर दिए गए।
खबरों के मुताबिक जेएमएम के विधायक लोबिन हेम्ब्रम खासा नाराज हैं। तो वहीं विधायक चमरा लिंडा ने भी पार्टी आलाकमान से नाराजगी जाहिर की है। इसके बाद से ही उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच एक रिसॉर्ट में रखा गया है। बताया गया है कि अब इन विधायकों को 5 फरवरी को वापस रांची लाया जाएगा। उसी दिन चंपई सरकार को फ्लोर पर बहुमत साबित करना है। इसके लिए 5 और 6 फरवरी को विधानसभा का स्पेशल सेशन बुलाया गया है।
5 फरवरी को हो सकता है फ्लोर टेस्ट
आपको बता दें शपथ ग्रहण के बाद चंपई सोरेन ने कैबिनेट की पहली मीटिंग भी की। जिसमें फैसला हुआ कि 5-6 फरवरी को असेंबली का दो दिन का स्पेशल सेशन बुलाया जाएगा। इसमें पहले ही दिन यानि 5 फरवरी को ही फ्लोर टेस्ट होगा। चंपई सोरेन ने कहा कि पिछले दिनों में जिस तरह की सियासी साजिश हुई।
रिजॉर्ट की राजनीति का प्रारंभ
तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए हैदराबाद में झारखंड के विधायकों के ठहरने के लिए शानदार इंतजाम किया गया है। हैदराबाद एयरपोर्ट से विधायकों को लक्जरी बसों में बिठाकर लियोनिया रिसॉर्ट ले जाया गया। इस दौरान पूरे रास्ते में पुलिस तैनात थी। हैदराबाद में झारखंड के विधायकों को हाई सिक्योरिटी में रखा गया है। हर डस्। के साथ 2-2 जवान तैनात किए गए हैं।
गौरतलब है कि झारखंड जमीन घोटाले में ईडी की जांच के बाद सियासी उबाल है। हेमंत सोरेन सीएम पद से इस्तीफा देकर ईडी की कस्टडी में पूछताछ का सामना कर रहे हैं। तो शुक्रवार को जेएमएम नेता चंपई सोरेन ने झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रुप में शपथ ले ली। अब बगावत की खबरें नये सीएम को झटका देने वाली हैं ।