केंद्र सरकार 1965 की तरह ‘गेस्ट कंट्रोल एक्ट’ लागू करें : गोविन्द मालू

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भोपाल : खनिज निगम के पूर्व उपाध्यक्ष श्री गोविन्द मालू नें केंद्र सरकार से आग्रह किया कि कोरोना संक्रमण के इस संक्रमण काल में ‘गेस्ट कंट्रोल एक्ट’ लागू किया जाए। क्योंकि, संक्रमण बढ़ने का सबसे ज्यादा खतरा भीड़ वाले स्थानों में ही ज्यादा देखा गया है।हाल ही में ताइवान में लायन्स क्लब के विश्व सम्मेलन के कारण जँहा एक भी केस नहीं था, वँहा सप्ताह भर में एकदम कोरोना केस बढ़ गए। उन्होंने कहा कि देश में पहले भी इस एक्ट को लागू करके सामाजिक आयोजनों में मेहमानों की संख्या को सीमित किया गया था।

भाजपा नेता मालू ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बाद तीसरी लहर का अनुमान कोविड़ विशेषज्ञ और वायरोलॉजिस्ट लगा रहे हैं। इसके साल के अंत मे भी आने का अंदाज है, इसलिए भीड़ भरे आयोजन, भोजन भंडारे, विवाह समारोह आदि में मेहमानों की संख्या निश्चित की जाना चाहिए। निर्धारित संख्या से ज्यादा मेहमान आमंत्रित करने पर दांडिक प्रावधान भी हो। मालू ने कहा कि साठ के दशक में अनाज संकट के समय और भारत-पाक युध्द के समय 1965 में यह एक्ट लागू किया था। देश में कोरोना संक्रमण भी ऐसी ही आपात स्थिति है।

भीड़ भाड़ की स्थिति को टालने के लिए सरकारी नियंत्रण बेहद जरूरी है जो ‘गेस्ट कंट्रोल एक्ट’ से ही संभव है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि हर आयोजन के लिए मेहमानों की संख्या तय कर इस एक्ट को सख्ती से लागू किया जाए। क्योंकि, ग्रामीण इलाकों में अभी भी शादी समारोह जारी हैं, जिनमें सैकड़ों मेहमान शामिल हो रहे हैं। गांवों में संक्रमण बढ़ने का बड़ा कारण भी यही है।