देश में तेजी से बढ़ रहे HMPV वायरस के मामले, केवल बच्चे ही नहीं इन लोगों को भी है खतरा

srashti
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बीते कुछ समय में भारत में HMPV (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। अभी तक भारत में इस वायरस के 8 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें अधिकतर बच्चों को प्रभावित किया है। इस वायरस के कारण बच्चों को खांसी, जुकाम, और कुछ मामलों में सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय इस वायरस के बढ़ते मामलों के प्रति सतर्क है।

HMPV वायरस क्या है?

HMPV, जिसे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस कहा जाता है, एक मौसमी वायरस है जो मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसके लक्षण सर्दी-जुकाम के समान होते हैं। यह वायरस हाल के दिनों में चीन में तेजी से फैल चुका है और अब भारत में भी इसके मामले बढ़ने लगे हैं। HMPV वायरस हवा के द्वारा फैल सकता है, और यह बच्चों, बुजुर्गों, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है।

HMPV वायरस से कौन लोग ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं?

  • छोटे बच्चे : छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं होता है, इसलिए उन्हें इस वायरस का अधिक खतरा होता है।
  • बुजुर्ग लोग : जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे बुजुर्गों को इस वायरस का शिकार बनने का खतरा बढ़ जाता है।
  • अस्थमा के मरीज : यह वायरस श्वसन तंत्र पर सीधे असर डालता है, और अस्थमा के मरीजों में यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है।
  • क्रॉनिक बीमारियों से ग्रस्त लोग : जैसे कि डायबिटीज या हृदय रोग से पीड़ित लोग भी इस वायरस के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं।

HMPV वायरस के लक्षण क्या हैं?

HMPV वायरस के लक्षण सर्दी-जुकाम की तरह होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • लगातार खांसी
  • सांस लेने में कठिनाई
  • गले में खराश
  • थकान और कमजोरी

इन लक्षणों को नजरअंदाज करना हानिकारक हो सकता है, विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के लिए, क्योंकि इससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

HMPV वायरस से बचाव के उपाय

HMPV वायरस के प्रभाव से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बचाव उपायों को अपनाया जा सकता है:

  • हाथ धोकर भोजन करें : नियमित रूप से हाथ धोने से संक्रमण के फैलने की संभावना कम होती है।
  • मास्क पहनें : सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना संक्रमण के फैलाव को रोकने में मदद करता है।
  • संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें : वायरस संक्रमित व्यक्तियों से संपर्क में आने से बचें।
  • संक्रमित वस्तुओं से बचें : संक्रमित वस्तुओं को छूने से बचें, जैसे कि किसी व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तुएं।
  • लक्षणों को नजरअंदाज न करें : अगर आपको वायरस के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उचित इलाज कराएं।