महिलाओं में बढ़ रहे ब्रेस्ट कैंसर के मामले, तो युवाओं में बड़ी आंत का कैंसर हुआ कॉमन, ब्रेस्ट कैंसर की गठान में दर्द, समय पर ट्रीटमेंट नहीं होने से बढ़ जाती है यह बीमारी – Dr. Vikas Asati Aurobindo Hospital

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इंदौर। पहले कुछ सालों की अगर बात की जाए तो कैंसर डिपार्टमेंट में बहुत ज्यादा बदलाव आए। इस फील्ड में टेक्नोलॉजी बढ़ी है लेकिन इसके साथ ही कैंसर के पेशेंट में भी बढ़ोतरी हुई है वही अब यंग जनरेशन में भी कैंसर से संबंधित समस्याएं देखी जा रही है। जिसमें लंग कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, हेड एंड नेक कैंसर जैसी समस्याएं शामिल है। लोगों में बुरी आदतों में सिगरेट और अल्कोहल के सेवन से थ्रोट और मुंह का कैंसर बड़ा है तो बिजी लाइफ स्टाइल और कैरियर की दौड़ की वजह से शादी और बच्चे प्लानिंग में देरी होने से ब्रेस्ट कैंसर के केस बढ़ते जा रहे हैं। वर्तमान समय में ब्रेस्ट कैंसर बहुत ज्यादा कॉमन रुप से बढ़ते जा रहे हैं। अगर बात आंकड़ों की करी जाए तो 10 में से दो पेशंट ब्रेस्ट कैंसर के होते हैं। वही दूसरे नंबर पर फेफड़े का कैंसर और हेड एंड नेक के कैंसर देखने को मिलते हैं। यह बात डॉक्टर विकास असाटी ने अपने साक्षात्कार के दौरान कही वह शहर के प्रतिष्ठित अरविंदो हॉस्पिटल में मेडिकल ऑंकोलॉजिस्ट के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे।

सवाल. ब्रेस्ट कैंसर के केस के बढ़ने की वजह क्या है, इसे किस तरह कम किया जा सकता है

जवाब. आज के दौर में हमारी लाइफ स्टाइल बहुत ज्यादा बिजी हो गई है हर कोई करियर की होड़ में लगे है। इस वजह से शादी ब्याह में देरी हो रही है। और 30 साल की उम्र के बाद ही बच्चे की प्लानिंग की जाती है वहीं कई तो इससे ज्यादा भी देरी कर देते हैं। देरी होने के चलते ब्रेस्ट कैंसर के चांस बढ़ जाते हैं। 30 साल से पहले पहला बच्चा हो जाना चाहिए यह जच्चा और बच्चा दोनों के लिए फायदेमंद होता है।कई बार 10% महिलाओं में यह समस्या जेनेटिक रूप से भी देखने को सामने आती है।

इसके सिवा इसके और अन्य कारण है लेकिन अगर बात इसके रिस्क फैक्टर की करी जाए तो फीडिंग करने वाली महिलाओं में 50% तक इसका रिस्क कम हो जाता है। इस समस्या में हर केश अलग प्रकार का होता है इसमें रिसेप्टर स्टडी के दौरान ही पता लगाया जा सकता है जिसमें ई आर रिसेप्टर, पीआर रिसेप्टर, हर टू होता है। ब्रेस्ट कैंसर में भी अन्य कैंसर की तरह चार स्टेज होती है जिसका पहली स्टेज में ही पता कर ट्रीटमेंट करना सही होता है आमतौर पर यह देखा गया है कि ब्रेस्ट कैंसर की गठान में किसी प्रकार का दर्द नहीं होता है। लेकीन नजरअंदाज करने पर यह घातक रूप ले लेता है। हमें महिलाओं को इसके प्रति जागरूक करना होगा ताकि इस समस्या से छुटकारा मिल सकें।

सवाल. क्या आजकल लंग कैंसर से संबंधित समस्या भी देखने को सामने आ रही है यह किस वजह से होता है

जवाब. आजकल लंग कैंसर के पेशेंट भी बहुत ज्यादा मात्रा में बढ़ रहे हैं अगर इसके सिम्टम्स की बात की जाए तो बहुत साफतौर पर यह दिखाई नहीं देते हैं। इसे पहली और दूसरी स्टेज में पकड़ना मुश्किल होता है। इसके लक्षण आम तौर पर तीसरी और चौथी स्टेज में पता चल पाते है। इसमें अगर सिम्टम्स की बात की जाए तो खांसी चलना, चेस्ट पेन होना, खांसी में ब्लड आना, वजन कम होना और अन्य समस्याएं देखी जाती है। इसका एक सकारात्मक पहलू यह है कि आजकल टेक्नोलॉजी में बहुत ज्यादा इंप्रूवमेंट हो गया है इस वजह से इसे 40% लोगों को कीमोथेरेपी की जरूरत नहीं होती है जो जीन पॉजिटिव आता है उसकी दवाई देकर से ठीक किया जा सकता है।

अगर इसके कारण की बात की जाए तो स्मोकिंग की वजह से यह समस्या सामने आती है लेकिन आजकल नॉनस्मोकर में भी भी यह केसेस देखने को सामने आ रहे हैं। यह दोनों कैंसर अलग-अलग प्रकार के होते हैं दोनों का ट्रीटमेंट लिए अलग-अलग तरह से किया जाता है। वही स्मोकिंग की वजह से होने वाला कैंसर ज्यादा खतरनाक साबित होता है। इसी के साथ यह कैंसर पोलूशन की वजह से भी देखने को सामने आता है। क्वालिफाइड मेडिकल ऑंकोलॉजिस्ट से सही समय पर ट्रीटमेंट लेने से इस तरह की समस्या से काफी हद तक निपटा जा सकता है।

सवाल क्या आज के दौर में बड़ी आंत का कैंसर यंग जनरेशन में देखा जा रहा है इसका क्या कारण है

जवाब. वर्तमान समय में यंग जनरेशन में बड़ी आंत का कैंसर कोमन रूप से पाया जा रहा है यह पांच से 10% जेनेटिक हो सकता है लेकिन ज्यादातर अन्य कारणों से होता है। यह बड़ी आंत के दोनों साइड पाया जाता है जिसमें राइट साइड होने पर एनीमिया यानी ब्लड की कमी जैसे सिम्टम्स देखे जाते हैं। वहीं लेफ्ट साइड होने पेट फूलना, वजन का कम होना जैसे सिम्टम्स देखे जाते हैं यह भी दूसरे कैंसर की तरह 4 स्टेज का होता है अगर इसका पहले स्टेज में पता कर इलाज किया जाए तो यह जड़ से खत्म तो नहीं होता है लेकिन ट्रीटमेंट किया जा सकता है। वहीं पहली और दूसरी स्टेज में इसे काफी हद तक ठीक किया जा सकता है।

सवाल. आपने अपनी मेडिकल फील्ड की पढ़ाई किस क्षेत्र में और कहां से पूरी की है।

जवाब. मैंने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई शहर के प्रतिष्ठित एमजीएम मेडिकल कॉलेज से पूरी की इसके बाद एमडी की पढ़ाई भी एमजीएम मेडिकल कॉलेज से पूरी की है। उसके बाद किदवई कैंसर इंस्टिट्यूट से डीएम की पढ़ाई पूरी की। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं इंदौर शहर वापस लौट आया और यहां पर शहर के प्रतिष्ठित अरविंदो हॉस्पिटल मैं 2018 में जुड़ गया तब से लेकर अब तक मैं यहां पर मेडिकल ऑंकोलॉजिस्ट के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा हूं।