खंडवा, 3 अक्टूबर 2023: खंडवा जिले में अस्पतालों में शव वाहन की कमी के मामले में सुरक्षा और शासन-प्रशासन की व्यवस्थाओं के दावों के खिलाफ आलोचना हो रही है। यहां परिजनों को अपने बच्चे के शव को अस्पताल से लेकर जाने के लिए मजबूरी में बाइक पर ले जाना पड़ा। लगातार व्यवस्थाओं को लेकर शासन-प्रशासन बड़े-बड़े दावे करते नजर आता है। लेकिन यह मामले ने प्रशासन की पोल खोल दी है।
दरअसल जानकारी के मुताबिक स्थानीय डॉक्टरों ने सर्दी-जुकाम और बुखार के कारण बच्चों का इलाज शुरू किया था, जब बच्चे की तबीयत बिगड़ी। तो स्थिति काबू से बाहर हो गई और बच्चे की जान चले गई। परिजनों ने अपने बच्चों को जिला अस्पताल से लेकर घर ले जाने का निर्णय लिया, लेकिन अस्पताल के अंदर शव वाहन की कमी के कारण उन्हें अस्पताल वालों द्वारा आलस्यकारी जवाब मिला।
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर अनिरुद्ध कौशल ने बताया कि उनके पास शव वाहन की व्यवस्था नहीं है, और नगर निगम की शव वाहन भी खराब है, जो केवल नगरीय सीमा में ही आ सकती है। इस घटना के बाद, एक निजी सामाजिक संस्था ने अपनी एंबुलेंस की सहायता प्रदान की है। गरीब आदिवासी परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से उनके पास जो पैसे थे उससे उन्होंने बच्चे का इलाज करवा लिया और बच्चे को घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस का पैसा परिजन के पास नहीं बचा। आखिरकार परिजन बाइक पर ही बच्चे के शव को ले जाने के लिए निकले
मीडिया कैमरे में तस्वीरें कैद होते ही, अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत पीड़ित परिजनों के लिए निजी शव वाहन का इंतजाम किया।