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एक रोटी खाकर किया गुजारा, अब ऑटो रिक्शा ड्राइवर की बेटी बनेगी डॉक्टर, क्रैक की NEET Exam

एक रोटी खाकर किया गुजारा, अब ऑटो रिक्शा ड्राइवर की बेटी बनेगी डॉक्टर, क्रैक की NEET Exam

भारत में मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए (NEET) अनिवार्य है। यह परीक्षा अपनी कठिनाई के लिए जानी जाती है, और हर साल लाखों छात्र इसे पास करने का सपना देखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रेरणा सिंह नाम की एक लड़की ने केवल एक रोटी और चटनी खाकर, 27 लाख रुपये के कर्ज के बोझ के बावजूद, NEET में 686 अंक हासिल किए?

बता दें कि, प्रेरणा सिंह, राजस्थान के कोटा की रहने वाली, एक मेधावी छात्रा थीं। लेकिन उनके जीवन में कई मुश्किलें भी आईं। उनके पिता, जो परिवार की आय का एकमात्र स्रोत थे, का अचानक निधन हो गया। इस त्रासदी ने प्रेरणा पर परिवार की जिम्मेदारी डाल दी।

पढ़ाई और परिस्थितियों का बोझ:

प्रेरणा ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखने का फैसला किया, भले ही उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। कई बार उन्हें भूखे पेट पढ़ाई करनी पड़ी। केवल एक रोटी और चटनी उनका एकमात्र भोजन होता था।

प्रेरणा की दृढ़ता और लगन:

इन कठिन परिस्थितियों के बावजूद, प्रेरणा ने अपनी पढ़ाई में मेहनत जारी रखी। उन्होंने दिन-रात पढ़ाई की और हर संभव कोशिश की। उनकी दृढ़ता और लगन रंग लाई और उन्होंने NEET में शानदार प्रदर्शन किया। प्रेरणा के 686 अंकों ने उन्हें भारत के शीर्ष सरकारी मेडिकल कॉलेजों में से एक में प्रवेश दिलाया। उनकी सफलता ने पूरे परिवार को गर्व से भर दिया।

प्रेरणा का संदेश:

प्रेरणा सिंह की कहानी हमें प्रेरित करती है कि कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं माननी चाहिए। दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से कोई भी सपना पूरा हो सकता है।

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