आईआईएम इंदौर में 21 मुख्य नगर अधिकारियों (सीएमओ) के नए बैच की शुरुआत 09 जनवरी, 2024 को एक कस्टमाइज्ड मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम के साथ हुई। संस्थान के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस, अन्वेषण के तहत शुरू हुई इस बैच का शुभारंभ आईआईएम इंदौर के निदेशक, प्रो. हिमाँशु राय ने किया। यह चार दिवसीय पाठ्यक्रम कैपेसिटी बिल्डिंग पर केन्द्रित है जो शहरी अपशिष्ट प्रबंधन पर व्यावहारिक कौशल और रणनीतिक अंतर्दृष्टि विषयों को शामिल करेगा। अन्वेषण के मिशन के तहत संचालित, यह कार्यक्रम स्थायी शहरी पहलों के संचालन के लिए महत्वपूर्ण नवीन उपकरणों और दृष्टिकोणों के साथ नगरपालिका के अधिकारियों को सशक्त बनाएगा।
इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक प्रो. श्रुति तिवारी भी उपस्थित रहीं। ये सीएमओ छिंदवाड़ा, जबलपुर, टीकमगढ़, मुरैना, उमरिया, उज्जैन, रतलाम, खरगोन, अलीराजपुर, विदिशा, मंदसौर, मंडला, पन्ना, धार से हैं। अपने उद्घाटन भाषण में, प्रो. राय ने प्रभावी नेतृत्व के बारे में चर्चा की। उन्होंने उड़ते हुए हंसों का उधाहरण देते हुए कहा, ‘हंस जब त्रिकोण में उड़ते हैं तो उसमें अपनी जगह बदलते रहते हैं। इससे हर एक हँस को आराम करने, टीम का नेतृत्व करने में मदद मिलती है और टीम को एक विशिष्ट लक्ष्य की ओर बढ़ने में भी लाभ होता है’। प्रो. राय ने बीमार या कमज़ोर या घायल हँस की मदद के लिए उसके साथ आने वाले दो हंसों के बारे में बताया और कहा, ‘जब भी कोई हंस बीमार पड़ता है, तो उसके ठीक होने तक दो हंस उसके साथ रहते हैं, और फिर वे साथ में फिर से उड़ान भरते हैं।’
उन्होंने टीमों के भीतर प्रोत्साहन के महत्व पर भी जोर दिया और इसकी तुलना अपने समकक्षों के उत्थान और प्रोत्साहन के लिए हंसों के त्रिकोण में सबसे पीछे उड़ रहे, आवाज़ निकालने वाले हंसों से की। उन्होंने कहा, ‘नेतृत्व का गुण किसी में भी जन्मजात नहीं होता है बल्कि निरंतर सीखने और एक कुशल खिलाड़ी बनने की इच्छा से विकसित होता है।’ उन्होंने प्रासंगिकता, सामाजिक चेतना और वैश्विक उत्कृष्टता के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता से पूर्ण आईआईएम इंदौर के मिशन को भी साझा किया। प्रो. राय ने संस्थान की जैविक खेती, वर्षा जल संचयन और श्वान आश्रय सहित विभिन्न टिकाऊ पहलों के माध्यम से इस लोकाचार का उदाहरण दिया। ‘हम स्वयं को सिखाते हैं, हम उसका अभ्यास भी करते हैं’ – प्रो. राय ने कार्य-संचालित सिद्धांतों के प्रति संस्थान के समर्पण पर प्रकाश डाला।
प्रो. श्रुति तिवारी ने अन्वेषण द्वारा आयोजित इस पाठ्यक्रम के महत्व पर चर्चा की और नयी बैच का स्वागत किया। उन्होंने नेतृत्व, स्वच्छता और सफाई के लिए एक नोडल हब और ज्ञान केंद्र के रूप में अन्वेषण की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रमों और अनुसंधान गतिविधियों की श्रृंखला में भाग लेने, नेतृत्व को बढ़ावा देने और स्थिरता और सफाई की प्रथाओं को प्रोत्साहित करने की पहलों पर भी चर्चा की। आईआईएम इंदौर में ये अधिकारी महत्वपूर्ण विषयों की विस्तृत श्रृंखला पर चर्चा करेंगे।
पाठ्यक्रम में बहुआयामी विषय हैं, जिनमें परियोजना प्रबंधन पद्धतियाँ, विविध नेतृत्व शैलियाँ और अपशिष्ट पृथक्करण में सार्वजनिक भागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका शामिल है। इसके अतिरिक्त, सत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन रणनीतियों, स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के लिए रोडमैप और प्राचीन प्रथाओं से लेकर समकालीन प्रगति तक जल प्रबंधन तकनीकों की खोज जैसे व्यापक पहलुओं को शामिल किया जाएगा। यह कार्यक्रम सर्कुलर इकोनॉमी मॉडल पर जोर देते हुए स्मार्ट शहरों के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसे नवीन दृष्टिकोणों पर भी प्रकाश डालेगा। इसके अलावा, प्रतिभागियों को परिवर्तन प्रबंधन रणनीतियों, ग्रीन बॉन्ड्स के महत्व और टिकाऊ शहरी पहल के लिए महत्वपूर्ण कुशल वित्तीय प्रबंधन प्रथाओं में अंतर्दृष्टि प्राप्त होगी।