इंदौर. वर्तमान समय में हमारे खानपान में बदलाव, लाइफस्टाइल और अन्य कारणों के चलते कैंसर के केस में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। साथ ही इसका दूसरा पहलू यह है कि यह आंकड़े अब एडवांस चेकअप और स्क्रीनिंग की वजह से भी ज्यादा सामने आते हैं। लोगों की बिगड़ती लाइफस्टाइल में किसी ना किसी रूप में तंबाकू का सेवन बढ़ गया है इसके सेवन के चलते मुंह और गले का कैंसर वही महिलाओं में कैरियर को लेकर लेट बच्चे प्लान होने से और अन्य कारणों से ब्रेस्ट कैंसर जैसी समस्या सामने आती है। इसी के साथ महिलाओं में सरविक्स बच्चेदानी के मुंह का कैंसर भी दिखाई देता हैं। कैंसर से संबंधित समस्याएं कई कारणों से सामने आती है लेकिन अगर हम अपनी डेली रूटीन एक्टिविटी, खान-पान और जीवनशैली में बदलाव करें तो हमे इससे बचने में मदद मिल सकती है। यह बात डॉ. साकेत मित्तल ने अपने साक्षात्कार के दौरान कहीं व शहर के प्रतिष्ठित एसआरजे सीबीसीसी कैंसर हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
सवाल. ब्रेस्ट कैंसर की समस्या किन कारणों से सामने आ रही हैं, इसके लिए हमारी लाइफस्टाइल जिम्मेदार है
जवाब. वर्तमान समय में शादी लेट होती है वही बच्चे प्लानिंग में और ज्यादा लेट होती है इसके चलते ब्रेस्ट फीडिंग नहीं हो पाती है इसके चलते कैंसर की समस्या सामने आती है। वहीं अगर इसके अन्य कारणों की बात की जाए तो बढ़ता मोटापा, महिलाओं का मेंस्ट्रूअल साइकिल कम उम्र में चालू हो ना वही लेट उम्र तक चलते रहना, फैमिली हिस्ट्री, महिलाओं का धूम्रपान करना और अन्य कारण शामिल है। दूसरे कैंसर की तरह यह भी चार स्टेज का होता है इसे पहली और दूसरी स्टेज में डिटेक्ट कर ट्रीट करना बहुत ज्यादा आसान होता है।
सवाल. सर्वाइकल कैंसर क्या है यह किन कारणों से होता है
जवाब. इस कैंसर को बच्चेदानी के मुंह का कैंसर भी कहा जाता है। सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय(यूट्रस) के सबसे नीचे के भाग का घातक ट्यूमर होता है।सरविक्स कैंसर की अगर बात की जाए तो इसका मुख्य कारण पेपिलोमा वायरस होता है। 90 प्रतिशत केस इससे एसोसिएट रहते हैं। आमतौर पर यह वायरस सभी में पाया जाता है। प्राइवेट पार्ट्स की हाइजीन को अगर मेंटेन किया जाए तो यह धीरे-धीरे पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं। अगर बात सर्वाइकल कैंसर की करी जाए तो इससे संबंधित समस्या गांव से ज्यादा आती है इसका मुख्य कारण इसे लेकर अवेयरनेस नहीं है। इसके लक्षणों की अगर बात की जाए तो मेंस्ट्रूअल साइकिल रुकने के बाद ब्लीडिंग होना, सेक्सुअल एक्टिविटी के बाद ब्लीडिंग, वहीं निचले हिस्से में डिस्कंफर्ट, दर्द बने रहना शामिल हैं। इससे बचने के लिए 10 साल से 14 साल की उम्र की लड़कियों में वैक्सीन लगाई जाती है वहीं 21 साल की उम्र के बाद हर 5 साल में स्क्रीनिंग करवाने से इसे आसानी से पकड़कर ट्रीट किया जा सकता है।
सवाल. क्या हेड और नेक से संबंधित कैंसर के पेशेंट में बढ़ोतरी हुई है
जवाब. हमारी बिगड़ती लाइफस्टाइल में आजकल बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू, शराब और अन्य चीजों ने जगह बना ली है। इस वजह से मुंह और गले से संबंधित कैंसर देखने को सामने आते हैं। जिसमें गाल का कैंसर, वोकल कॉर्ड कैंसर, जबान का कैंसर और अन्य प्रकार के कैंसर होते हैं। जिसमें 90 प्रतिशत बुरी आदतों के चलते यह समस्या पनपती है वही 10 प्रतिशत अन्य कारण होते हैं। वही आजकल महिलाओं द्वारा भी धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन किया जाता है जिस वजह से इस प्रकार की समस्या देखने को सामने आ रही है। अगर मुंह के कैंसर की बात की जाए तो यह शुरुआत में ही लोगों को पता चल जाता है कई लोग इसे नजरअंदाज करते हैं इस वजह से समस्या बढ़ जाती है।
सवाल. लेप्रोस्कोपी सर्जरी क्या है यह किस प्रकार से फायदेमंद है
जवाब. वर्तमान समय में लेप्रोस्कोपी सर्जरी के माध्यम से ऐसे कैंसर सेल को आसानी से देखकर ट्रीट किया जा सकता है जो पहले हाथों से की जाने वाली सर्जरी में बहुत मुश्किल से दिखाई देते थे। वहीं मलद्वार के कैंसर, बड़ी आंत के कैंसर और अन्य प्रकार के कैंसर मैं इस पद्धति का बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। पहले यह सर्जरी हाथ से की जाती थी अब लेप्रोस्कोपी की मदद से इसे करना बहुत आसान हो गया है। इसका फायदा यह है कि पेशेंट को ज्यादा तकलीफ नहीं होती है साथ ही मरीज को बड़ा चीरा नहीं लगाया जाता है। वही पेशेंट जल्दी रिकवर कर लेते हैं।
सवाल. आपने अपनी मेडिकल फील्ड की पढ़ाई किस क्षेत्र में और कहां से पूरी की है
जवाब. मैंने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई शहर के प्रतिष्ठित एमजीएम मेडिकल कॉलेज से पूरी की इसके बाद एमएस की पढ़ाई जबलपुर के प्रतिष्ठित नेताजी सुभाष चंद्र बोस गवरमेंट मेडिकल कॉलेज से पूरी की। सुपर स्पेशलाइजेशन एमसीएच की पढ़ाई कैंसर इंस्टिट्यूट अडयार, चेन्नई से पूरी की। मैंने कैंसर सर्जरी के लिए एडवांस लेप्रोस्कोपी ट्रेनिंग में भी हिस्सा लिया है साथ ही अन्य फैलोशिप और प्रोग्राम में भी हिस्सा लिया है। अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद कैंसर इंस्टिट्यूट अडयार, चेन्नई में मैने असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दी। वही अभी वर्तमान में एसआरजे सीबीसीसी कैंसर हॉस्पिटल इंदौर में अपनी सेवाएं दे रहा हूं। साथ ही में आरएनटी मार्ग स्थित अपने चैतन्य क्लीनिक पर भी अपनी सेवाएं देता हूं।