इंदौर : इंदौर जिले में बाल श्रम उन्मूलन का अभियान चलाया जायेगा। अभियान के अंतर्गत भिक्षावृत्ति में लगे बच्चों को भी मुक्त कराने की कार्रवाई की जायेगी। नियोजनों में बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले नियोजकों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई होगी। संस्थान का लायसेंस निरस्त करने के साथ ही एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई होगी। श्रम से मुक्त कराये गये बच्चों के शिक्षण-प्रशिक्षण और उनके व्यवस्थापन की उचित कार्रवाई भी की जायेगी।
यह जानकारी आज यहां कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिला टास्क फोर्स समिति की बैठक में दी गई। बैठक में अपर कलेक्टर सपना लोवंशी एवं रोशन राय सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने बाल श्रम उन्मूलन के लिये प्रभावी अभियान चलाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ऐसे सेक्टर चिन्हित कर लिये जाये जहां बाल श्रम की आशंका हो। ऐसे सेक्टर के संबंधित नियोजकों को हिदायत दे कि वे किसी भी बाल श्रमिक को नियोजित नहीं करें। वे संस्थान का समय-समय पर निरीक्षण भी करते रहें।
निरीक्षण के दौरान बाल श्रमिक मिलने पर नियोजकों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाये। बाल श्रम उन्मूलन के लिये सुनियोजित रूप से अभियान चलाकर कार्रवाई हो। चौराहों पर भिक्षावृत्ति में लगे बच्चों को भी भिक्षावृत्ति से मुक्त कराने की कार्रवाई गंभीरता से की जाये। इसके लिये एनजीओ की मदद भी ली जाये। उन्होंने कहा कि श्रम बस्तियों पर विशेष ध्यान दिया जाये। ऐसे बच्चे जो बाल श्रम और भिक्षावृत्ति से मुक्त कराये गये हैं उनके शिक्षण-प्रशिक्षण और व्यवस्थापन की कार्रवाई भी की जाये। बाल श्रम उन्मूलन के लिये सभी संबंधित विभाग एवं एनजीओ मिलकर समन्वित प्रयास करें। जीरो टॉलरेंस नीति के अनुरूप इस दिशा में कार्य किये जाए। बच्चों का बचपन बर्बाद नहीं होने दें।