भोपाल: मध्य्प्रदेश में शिवराज सरकार हमेशा से ही प्रदेश की बेटियों के लिए नई नई योजनाओ को चलाया जा रहा है, उनमे से कुछ लाडली लक्ष्मी योजना, मेधावी छात्रा योजना चलाई जा रही है। इसी बीच इस साल के शुरुआत में पुलिस मुख्यालय दवारा प्रदेश की लापता हो रही बच्चियों के लिए एक ख़ास ऑपरेशन चलाया गया था, जिसके तहत मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद प्रदेश का पुलिस प्रशासन और ज्यादा सक्रीय नजर आ रही है। बता दे कि इस ऑपरेशन का नाम “मुस्कान” है, इस अभियान में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है, कार्यवाही के दौरान पुलिस प्रशासन ने लापता 2444 बालिकाएं राज्य के अन्दर और बाहर से बरामद की गई हैं।
अभियान मुस्कान के अंतर्गत प्रशासन ने एक महीने के अंदर प्रदेश की स्मार्ट सिटी इंदौर की 175 बालिकाओ के साथ अन्य जिले जैसे कि सागर की 144, धार की 115, रीवा की 107 और छतरपुर की 102 बालिकाओ को सुरक्षित ढूंढ लिया है। इतना ही नहीं प्रदेश के अन्य जिलों में लड़कियों के ढूंढे जाने का आकड़ा भी कम नहीं है। इस अभियान मुस्कान में बैतूल जिले का बरामदगी का प्रतिशत 89.1% और अशोकनगर का 79.1% है।
अभियान मुस्कान की हाइकोर्ट ने भी की प्रशंशा-
मप्र पुलिस द्वारा चलाये जा रहे इस अभियान की सराहना उच्च न्यायालय जबलपुर ने भी की है, 22 जनवरी के दिन उच्च न्यायालय जबलपुर ने इस अभियान की तारीफ़ की जब सीधी पुलिस ने जिला मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल से त्वरित कार्यवाही कर 19 साल की बच्ची को बरामद किया था। इसी अभियान के दौरान जिला सीहोर पुलिस ने 2013 में एक लापता नाबालिग बच्ची के मामले खुलासा किया था कि गुमशुदा 17 साल की नाबालिग बच्ची को उसके परिजनों के द्वारा ही दफना दिया गया था। इस अभियान के साथ ऐसे प्रकरणो में आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। इस अभियान में केवल प्रदेश से नहीं बल्कि अन्य प्रदेशो से भी बालिकाओ को बरामद किया गया है। जिनमे मुख्यतः गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से बरामद किया गया।