महिलाओं और बच्चों के उत्पीड़न पर मीडिया से संवेदनशील रिपोर्टिंग का आह्वान

Share on:

इंदौर : बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत इंदौर में आज एक दिवसीय मीडिया उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में महिला उत्पीड़न और पास्को एक्ट के तहत पीड़ितों की मीडिया रिपोर्टिंग पर संवेदनशीलता से रिपोर्टिंग का आह्वान किया गया। वक्ताओं ने इस संबंध में विधि विधान की विस्तार से जानकारी दी। यह अवगत कराया गया की कई बार यह भी देखने में आया है कि सनसनीखेज़ रिपोर्टिंग करने की कोशिश में पीड़ितों के साथ और भी अन्याय हो जाता है जबकि उस समय उनकी मनोदशा बेहद नाज़ुक रहती है।

इस कार्यशाला में संयुक्त संचालक जनसंपर्क डॉ आर.आर. पटेल, महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी डॉ सी.एल. पासी, सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास श्री राकेश वानखेड़े तथा श्री जय श्रीवास्तव, महिला वसुती गृह की अधीक्षिका सुश्री शुभांगी मजूमदार तथा अन्य अधिकारी एवं विभिन्न मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

कार्यक्रम में श्रीमती अनूपमा गोखले ने लैंगिक अपराधों पर बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 (पाक्सो)के प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने अधिनियम की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में भी जानकारी बताई। वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक श्रीमती वंचना सिंह परिहार ने हिंसा से पीड़ित महिलाओं को एक स्थान पर आश्रय देने, विधिक सहायता देने, पुलिस सहायता देने आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने के संबंध में जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि इंदौर में स्थित सखी सेंटर में कई अबलाओं को आड़े वक़्त में पनाह और क़ानूनी सहायता मिली है। कार्यशाला में विभिन्न संचार प्रतिनिधियों ने भी अनुभव और अपने सुझाव साझा किए। आई. पी. एस. की जानकारी श्री अविनाश यादव ने बताई। कार्यक्रम के अंत में श्री संजय गायकवाड द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया।