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नोएडा: हजारों कामगारों की रोजी-रोटी पर संकट, 50 से ज्यादा फैक्ट्रियों पर लटके ताले

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नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग संकट में है। नोएडा की एमएसएमई एसोसिएशन के मुताबिक़ करीब 50 फैक्ट्रियों पर ताले लटके हुए है। इतना ही नहीं करीब सात हजार फैक्ट्रियां बंद होने की कगार पर है। काम न होने के चलते इन फैक्ट्रियों पर संकट के बादल छाए हुए हैं। साथ ही यहां काम करने वाले मजदूर भी गहरे संकट में हैं।

फैक्ट्रियों पर आए संकट को लेकर एसोसिएशन ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। गौरतलब है कि नोएडा एक बड़ा इंडस्ट्रियल क्षेत्र है। यहां हजारों की तादाद में सुक्ष्‍म, लघु और मध्यम उद्योग हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से पैदा हुए संकट ने यहां काम करने वाले लोगों की कमर तोड़ दी है।

नोएडा के सेक्टर 10 में नरेंद्र डोगरा की प्रिंटिंग की दो फैक्ट्रियां थीं। अब यहां दोनों पर ताले लटके हैं। लॉकडाउन के बाद से फैक्ट्रियां बंद हैं, क्‍योंकि इनके पास कोई काम नहीं है। नरेंद्र का एक करोड़ रुपए से ऊपर का टर्नओवर था। नरेंद्र ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से ही फैक्ट्रियां बंद हैं. ऑर्डर न होने के कारण दिसंबर तक काम नहीं है।

गौतमबुद्ध नगर ज़िले में नोएडा और ग्रेटर नोएडा बड़ी इंडस्ट्रियल अथॉरिटी हैं। इनमें छोटी बड़ी करीब 20 हज़ार यूनिट हैं। MSME इंडस्ट्रियल एसोसिएशन नोएडा के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह नाहटा ने बताया कि 50 से ऊपर फैक्ट्रियां पूरी तरह बंद हो चुकी हैं और हज़ारों अन्‍य बंद होने के कगार पर हैं। नोएडा में कुल 11 हज़ार फैक्ट्रियां है। बड़ी फैक्ट्रियां 100-200 हैं, इन्हें अगर छोड़ दिया जाए दूसरी सभी कंपनियां परेशान हैं।

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