इस जगह स्थित है बुलेट बाबा का मंदिर, जहां भगवान की नहीं Royal Enfield Bullet की होती है पूजा

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भारत धर्म प्रधान देश है और यहां पर हिंदू धर्म में कई मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। हिंदू धर्म में भगवान के प्रति भक्तों में काफी आस्था देखी जाती है। भारत एक ऐसा देश है जहां पर पत्थरों को भी भगवान मानकर पूजा की जाती है। कई ऐसे प्राचीन मंदिर है जहां पर देश-विदेश से लोग अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं। उन्हीं में से आज हम आपको एक ऐसे मंदिर की बारे में बताएंगे जिसकी परंपरा और पूजा करने का तरीका बहुत ही अलग है।

दरअसल हिंदू धर्म में अनेकों मंदिर है और इन मंदिरों में पूजा करने के रीति रिवाज अलग है। ऐसे में हम आपको राजस्थान में स्थित एक ऐसे विश्व प्रसिद्ध मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। इस मंदिर में देवी देवताओं की पूजा नहीं की जाती है बल्कि यहां पर एक बुलेट की पूजा की जाती है आप सोच रहे होंगे। भला बुलेट की पूजा कैसे की जाती होगी लेकिन इस बात को आपको मानना पड़ेगा। इस मंदिर में बुलेट की पूजा करने के लिए भक्तों का जनसैलाब भी देखने को मिलता है। जिस तरीके से लोग भगवान के मंदिर में मनोकामना लेकर पहुंचते हैं। उसी तरह इस मंदिर में भी अपनी मनोकामना लेकर हजारों भक्त आते हैं।

इस जगह स्थित है ओम बन्ना धाम
राजस्थान में स्थित बुलेट बाबा का मंदिर जिसे ओम बन्ना धाम कहा जाता है। इस मंदिर में देवी देवता की नहीं बल्कि बुलेट बाबा की पूजा की जाती है। यह मंदिर राजस्थान के जोधपुर से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चोटिला गांव में है। इस मंदिर को जोग सिंह राठौर ने करीब 30 साल पहले निर्माण करवाया था । आखिर इस मंदिर में देवी देवताओं की जगह बुलेट की पूजा क्यों की जाती है इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताते हैं।

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जानिए बुलेट बाबा के पीछे की कहानी
दरअसल बुलेट बाबा मंदिर के पीछे एक सड़क हादसे में छुपी कहानी है। इस मंदिर का निर्माण 30 साल पहले जिस जोग सिंह राठौर ने करवाया था। उनके बेटे ओम सिंह राठौर की सड़क हादसे में जान चली गई थी । इसके बाद पुलिस ने सड़क हादसे में मृत ओम सिंह राठौर और उनकी बुलेट को अपनी गिरफ्त में रख लिया था, लेकिन हादसे के अगले दिन बाद ही अचानक थाने से बुलेट कहीं गायब हो गई थी। पुलिस ने काफी इसकी खोजबीन की तो बुलेट जिस जगह पर हादसा हुआ था।

वहीं पर मिली पुलिस ने बुलेट को लाकर थाने में खड़ा कर दिया और जब उसकी निगरानी की तो पता चला कि बुलेट अपने आप स्टार्ट होकर वापस उसी स्थान पर पहुंच गई। इस घटना के बाद लोग हैरत में पड़ गए वही पुलिस भी इस मामले को लेकर हैरान हो गई थी। इस तरह की घटना से ओम सिंह राठौर के नाम पर ओम बन्ना धाम का मंदिर स्थापित हुआ तब से लेकर आज तक उसी बुलेट की पूजा एक मंदिर में रखकर की जाती है और आज यह मंदिर विश्व प्रसिद्ध है यहां पर दूर-दराज से लोग इस मंदिर में पहुंचते हैं।