तीन साल में बनी बिल्डिंग, टारगेट पर कंटेनमेंट एरिये में अब होगी वसूली

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इंदौर : नगर प्रतिनिधि नगर निगम टैक्स वसूली के लिए अब उन बिल्डिंगों को टारगेट बनाएगा, जो तीन साल में बनी है। कंटेनमेंट एरिये में वसूली अभी तक नहीं हो पाई थी। अब वहां पर आज से टीम जाएगी।  पिछले साल पंद्रह अगस्त तक नगर निगम ने टैक्स वसूली करके लगभग 180 करोड़ रुपए जमा किए थे। इस बार लगभग 100 करोड़ रुपए की वसूली हो पाई है। हालांकि वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से शुरू होते ही पूरा शहर दो महीने तक लॉक-डाउन था। जुलाई में शहर पूरा खुल पाया। उस हिसाब से कर्मचारियों और अफसरों ने काम तो किया है।

नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने अब वसूली को लेकर लगातार अफसरों से सीधे बात करना शुरू की है। हर महीने वसूली को लेकर दो बार बात होगी। कमिश्नर ने कल झोन ग्यारह और तेरह में हुई अच्छी वसूली के लिए बधाई भी दी। तीन साल में शहर में बनी बिल्डिंगों के नक्शे निकाले जा रहे हैं, उसके आधार पर पता किया जाएगा कि कितनी बिल्डिंग बनी हैं और कितना टैक्स मिल रहा है। अभी तक जिन इलाकों में वसूली नहीं हुई है, वहां पर अब वसूली को लेकर रोज बात होगी। कमिश्नर ने सारे अफसरों की तारीफ करते हुए कहा कि आप सबने कठिन समय में भी काम किया है।

नगर निगम की टीम जो काम कर सकती है, वो कोई नहीं कर सकता है। दो सौ बड़े बकायादारों की हर वार्ड में सूची बनेगी। उनसे 30 सितंबर तक संपत्तिकर-जलकर के साथ-साथ कचरे का पैसा भी लेना है। कचरे के पैसे के लिए एनजीओ की टीम भी उनका साथ देगी। अपने व्यवहार को लेकर चर्चा में रहने वाले अपर आयुक्त कृष्ण चैतन्य ने कहा कि वसूली कम क्यों हुई है, इसका जवाब देना पड़ेगा, तो अफसरों ने बताया कि हमारे स्टाफ को दूसरे काम में लगा दिया, जवाब मिला कि अब टैक्स वसूली वाला स्टाफ दूसरा काम नहीं करेगा।

अपर आयुक्त ने कहा कि वसूली में कोई समस्या आ रही है तो बताओ, मैं आपकी नाराजगी दूर करूंगा। हर वार्ड में बिल कलेक्टर और दरोगा को दिनभर घूमना पड़ेगा। टारगेट लेकर वसूली नहीं करेंगे, तो जिन लोगों ने आवासीय प्लाट पर दुकानें बना ली, उनसे व्यवसायिक कैटेगरी का टैक्स वसूला जाए। रवींद्र नाट्यगृह में हुई इस बैठक में कमिश्नर ने इस बात का इशारा किया कि वसूली वाले हर अफसर और कर्मचारी उनके लिए सबसे खास हैं। कमिश्नर को लगातार अपर आयुक्त कृष्ण चैतन्य के व्यवहार को लेकर शिकायतें मिल रही थीं, इसलिए कमिश्नर को मोर्चा संभालना पड़ा।