मोदी सरकार का अंतरिम बजट गुरूवार को संसद में पेश हुआ . वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को पेश करते हुए जानकारी दी . इस दौरान सभी क्षेत्रों में बजट का जिक्र करते हुए घरेलू पर्यटन को भी ध्यान रखा गया है.उन्होनें कहा टूरिज़्म इंडस्ट्री के लिए बजट को दो फ़ीसदी बढ़ा गया . साथ ही कहा कि लक्षद्वीप सहित अपने सभी द्वीपों पर नए आधारभूत ढांचे और पोर्ट कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट शुरू करेगा.
आपको बता दें पर्यटन क्षेत्र के लिए दो फ़ीसदी बजट बढ़ाने की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जो राज्य प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों का विकास करेंगे और उनकी ब्रांडिंग-मार्केटिंग वैश्विक स्तर पर करेंगे उन्हें केंद्र सरकार की ओर से प्रोत्साहित किया जाएगा. साथ ही केंद्र सरकार इस विकास के लिए राज्यों को लंबी समयावधि के लिए ब्याज़ मुक्त कर्ज़ भी मुहैया कराएगी.
मालद्वीव के साथ रिश्तों में खटास के बाद भारत ने अंतरिम बजट में मालदीव को दी जाने वाली सहायता पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 22 फ़ीसदी घटा र्दी है.केंद्रीय वित्त मंत्री ने भाषण में कहा कि भारत का मध्यम वर्ग भी अब श्घूमने और नई-नई खोजश् की इच्छा रखता है. धार्मिक सहित हर तरह के पर्यटन में लोकल आंत्रप्रन्योरशिप के लिए प्रबल संभावनाएं हैं
जानकारी के अनुसार वित्त वर्ष 2024-2025 के लिए अनुमानित बजट 2,449.62 करोड़ रुपये हैं. ये 2023-24 में संशोधित अनुमान 1692.10 करोड़ रुपये हो गया. बता दें भारत ने अपने बजट में इस छोटे से द्वीपीय मुल्क़ के लिए 600 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.ये मदद विदेश मंत्रालय के ज़रिए विभिन्न स्कीमों के तहत मालदीव तक पहुंचेगी.
हालांकि, इस वित्त 2024-25 में मालदीव को दी जाने वाली सहायता राशि को कम ज़रूर कर दिया गया है.अंतरिम बजट में इस साल 600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो कि सरकार द्वारा किसी अन्य देश को दी जाने वाली तीसरी सबसे अधिक राशि है. हालांकि, साल 2023-24 में ये राशी 770.90 करोड़ रुपये थी. वहीं, वित्त वर्ष 2022-23 में ये सिर्फ़ 183.16 करोड़ रुपये थी.
गौरतलब है कि मोहम्मद मुइज़्ज़ू पांच दिन के चीन दौरे पर गए थे..चीन से लौटने के बाद मुइज़्ज़ू ने कहा कि हम छोटे देश हैं इसलिए किसी को हमें धौंस दिखाने का कोई अधिकार नहीं है. इस बयान को भारत से जोड़ा गया.फिर मालदीव ने भारतीय सैनिकों को देश छोड़ने के लिए 15 मार्च की डेडलाइन भी दी.भारत के प्रति इस रुख के लिए मोहम्मद मुइज़्ज़ू को अपने ही देश में विरोध भी झेलना पड़ रहा है.