बिहार के सुपौल में एक निर्माणाधीन पुल गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य लोग फस गए। आज सुबह लगभग 7 बजे मरीचा के पास निर्मणाधीन पुल गिरने के बाद वह स्थल तबाही में बदल गया ,जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों और स्वयंसेवकों ने तत्काल बचाव कार्य प्रांरभ कर दिया,अधिकारियों को शंका है कि अभी भी 30 कर्मचारी मलबे में फंसे हो सकते हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह पुल जो निर्माणाधीन था इसका निर्माण कोसी नदी पर 984 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा था। यह तबाही का दृश्य बिहार के भागलपुर में एक निर्माणाधीन पुल के ढहने जैसा ही है, जिसे लेकर राज्य सरकार और विपक्षी भाजपा पार्टियों के बीच तीखा आरोप प्रत्यारोप का दौर प्रारम्भ है। भागलपुर में गंगा नदी बना फोरलेन पुल ताश के पत्तों के जैसे पूरी तरह ढह गया था।
बन रहा था देश का सबसे लम्बा पुल
यह भारत में मौजूद पुलों में लम्बाई के अनुसार सबसे लम्बा पुल था, जिसका निर्माण 1400 करोड़ की अधिक लागत से केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा बनाया जा रहा था। इस पुल की लंबाई 10.2 किलोमीटर से ज्यादा है। एप्रोच रोड मिलाकर पुल की कुल लंबाई 13.3 किलोमीटर होगी।इस पुल का निर्माण कार्य 2023 तक पूरा किया जाना था, लेकिन कोरोना महामारी और बाढ़ के कारण पुल निर्माण की अवधि में बढोत्तरी हो गयी।