भोपाल : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रभारी कार्यपालन यंत्री ऋषभ कुमार जैन के घर मिली सोने की ईंट। भोपाल में लोकायुक्त टीम ने 3 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा था जैन को। घर पर तलाशी के दौरान मिली ईंट सहित कई कीमती चीजें।
बता दे कि गिरफ्तारी के दौरान ऋषभ कुमार के चेहरे पर किसी भी प्रकार का अपराध बोध नहीं था। पत्रकारों से खुलकर बातचीत की। यहां तक कहा कि मैं अपने लिए थोड़ी, सबके लिए ले रहा था। यह बयान इस बात का संदेह करने के लिए पर्याप्त कारण उपस्थित करता है कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में खुलेआम रिश्वतखोरी चलती है।
इतना ही नहीं प्रतिष्ठित पत्रकार श्री अनूप दुबे से बात करते हुए ऋषभ कुमार जैन ने बताया कि मैं 2010 से भोपाल में पोस्टेड हूं। मुझे तो सिवनी जिला अस्पताल का प्रभारी बनाया गया है। सभी पेमेंट हो चुके हैं। सुबह ठेकेदार जबलपुर निवासी चंद्रभान विश्वकर्मा ने फोन करके हबीबगंज स्टेशन बुलाया था।
जो सिस्टम में बनता है, वहीं तो ले रहा था
वहां पहुंचने पर चंद्रभान ने कहा कि आपका जो बनता है, वह दे रहा हूं। उसने गाड़ी में रख दिए। इसके बाद लोकायुक्त की टीम आई और मुझे पकड़कर ले आई। मैंने क्या किया। यह तो सिस्टम में है। जो सिस्टम में बनता है, वहीं तो ले रहा था। मैं सिर्फ अपने लिए थोड़े ही ले रहा था। यह तो सबके लिए है। यही सिस्टम है।