36 हजार के एरियर के लिए 20 हजार की रिश्वत, ‘स्मार्ट’ तरीके से लोकायुक्त ने किया पर्दाफ़ाश

Abhishek singh
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इंदौर। पुलिस महानिदेशक लोकायुक्त जयदीप प्रसाद द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश पर इंदौर लोकायुक्त इकाई ने एक ख़ास ट्रैप ऑपरेशन को अंजाम दिया। 60 वर्षीय आवेदक राजकुमार काले, जो श्रम कल्याण संगठन में मल्टी-टास्क सर्विस (MTS) के पद पर कार्यरत हैं, ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक श्री राजेश सहाय के पास शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, राजकुमार को उनकी वेतन विसंगति के बाद ₹36,000 की एरियर राशि मिलनी थी, लेकिन श्रम कल्याण प्रशासक विजेंद्र कुमार गुप्ता ने इस राशि को जारी करने के बदले ₹20,000 रिश्वत की मांग की थी।

रंगे हाथ पकड़ा गया अधिकारी

शिकायत का सत्यापन करने के बाद, जब इसे सही पाया गया, तो लोकायुक्त इकाई ने एक ट्रैप दल बनाया। आज, 11 दिसंबर 2024 को, ओल्ड मालवा हाउस स्थित श्रम कल्याण प्रशासक कार्यालय में आरोपी विजेंद्र कुमार गुप्ता को ₹20,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। इस कार्रवाई के दौरान आरोपी के कार्यालय में भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत कानूनी कार्यवाही की गई।

इन्होंने दिखाया तत्परता, रंगे हाथ पकड़ा गया रिश्वतखोर

इस ट्रैप ऑपरेशन में उपुअ. प्रवीण सिंह बघेल के नेतृत्व में निरीक्षक राहुल गजभिये और आरक्षक विजय शेलार, शिव प्रकाश पाराशर, आदित्य भदौरिया, कमलेश तिवारी, कृष्णा अहिरवार, शैलेंद्र सिंह और शेरसिंह ने सक्रिय भागीदारी की। यह कार्रवाई लोकायुक्त की भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी और निष्पक्ष नीति को उजागर करती है। इस कदम से सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश जाएगा और जनता को न्याय दिलाने में सहायता मिलेगी।