Breaking News : वन नेशन-वन इलेक्शन प्रस्ताव को मिली मोदी कैबिनेट की मंज़ूरी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली कैबिनेट ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। इस पर विस्तृत जानकारी दोपहर 3 बजे दी जाएगी।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित समिति ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ मुद्दे पर 62 राजनीतिक दलों से संपर्क किया। इनमें से 47 दलों ने प्रतिक्रिया दी, जिनमें 32 ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि 15 दलों ने इसका विरोध किया। 15 अन्य दलों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

एक साथ चुनाव के फायदे
  1. खर्च में कमी: एक साथ चुनाव कराने से चुनाव पर होने वाले करोड़ों रुपये के खर्च में बचत होगी।
  2. बार-बार चुनाव की समस्या से राहत: लगातार चुनावों की प्रक्रिया से निजात मिलेगी, जिससे राजनीतिक स्थिरता बढ़ेगी।
  3. विकास पर ध्यान केंद्रित: चुनावों की बार-बार होने वाली प्रक्रिया के बजाय, सरकार विकास कार्यों पर ध्यान दे सकेगी।
  4. आचार संहिता का प्रभाव: बार-बार आचार संहिता लागू होने से सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों पर असर पड़ता है, जिसे इस प्रस्ताव से कम किया जा सकेगा।
  5. काले धन पर नियंत्रण: एक साथ चुनाव कराने से काले धन के प्रयोग पर भी रोक लगाई जा सकेगी, जिससे चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी।

‘एक देश, एक चुनाव’ का प्रस्ताव भारत की राजनीतिक व्यवस्था को स्थिरता और आर्थिक लाभ देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पर विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी देखी जा रही हैं, जो भविष्य में इसके कार्यान्वयन को प्रभावित कर सकती हैं।