भारतीय वायुसेना उस समय और ताकतवर हो जाएगी, तब उसके बेड़े में ब्रह्मोस मिसाइल शामिल हो जाएगी। ये मिसाइल पल भर में जमीन पर बड़े से बड़े टारगेट को तहस-नहस करने में सक्षम है। डीआरडीओ और भारतीय वायुसेना दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का परीक्षण अगले सप्ताह करने वाला है, जिसकी तैयारियां की जा रही है।
वायुसेना के सूत्रों के मुताबिक ब्रह्मोस मिसाइल जमीन पर मौजूदा टारगेट को एक झटके नष्ट कर सकती है। इससे बालाकोट जैसी एयर स्ट्राइक को बिना दुश्मन की सीमा पार किए अंजाम दिया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिणी हिस्से में इस मिसाइल का परीक्षण अगले सप्ताह किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि 40 सुखोई-30एमकेआई लड़ाकू विमानों में ब्रह्मोस मिसाइल फिट किया जाा सकता है, ताकि लंबी दूरी से दुश्मन पर हमला किया जा सके। ब्रह्मोस मिसाइल से बालाकोट जैसी एयरस्ट्राइक भारतीय सीमा में 150 किमी अंदर रहकर कर सकते हैं।
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भारतीय वायुसेना के बेड़े में Chinook शामिल, सीमा पर होगा तैनात
भारतीय वायुसेना की ताकत और बढ़ गई है। वायुसेना के बेड़े में चिनूक सीएच-47 आई हेलीकाॅप्टर शामिल हो गया है। अमेरिकी कंपनी बोइंग द्वारा निर्मित चिनूक सीएच-47 आई हेवी लिफ्ट क्षमता वाला और एक एडवांस्ड मल्टी मिशन हेलीकॉप्टर है।
Visuals of Chinook heavy-lift helicopters at Air Force Station 12 Wing, in Chandigarh. Indian Air Force to induct the first unit of four Chinook helicopters today. pic.twitter.com/o6xoiOCrOa
— ANI (@ANI) March 25, 2019
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डबल इंजन वाले बोइंग सीएच-47 की शुरूआत 1957 में हुई थी। फिलहाल 26 देशों की सेना के बेडे़ में चिनूक शामिल है। ये हेलीकाॅप्टर आसानी से 11 हजार किलो तक हथियार और सैनिकों को उठाने की सक्षमता है। बताया जा रहा है कि हेलीकाॅप्टर 315 किमी की रफ्तार से उड़ान भरता है।
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