इंदौर। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने पहली बार सालाना राजस्व बजट बनाने का रचनात्मक एवं वित्तीय अनुशासन का प्रयोग किया है। कंपनी के 15468 करोड़ के राजस्व बजट को बोर्ड की शनिवार दोपहर को हुई बैठक में सहमति मिली है। इस राशि को 2020-21 के दौरान बिजली खरीदी, कार्य, वेतन भत्ते, मैंटेनेंस व अन्य मदों पर खर्चा किया जाएगा।
मप्रपक्षेविविकं के बोर्ड आफ डाय़रेक्टर की बैठक प्रदेश के ऊर्जा सचिव व मप्रपक्षेविविकं के चैयरमैन श्री आकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता व मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक श्री विकास नरवाल की मौजूदगी में हुई। इसमें कंपनी के 15468 करोड़ के राजस्व बजट पर बोर्ड आफ डाय़रेक्टर द्वारा सहमति दी गई। कंपनी क्षेत्र के सभी 15 जिलों के लिए बिजली खरीदी, विकास कार्य, मैंटनेंस व अन्य कार्य/आवश्यताओं पर यह राशि खर्च की जाएगी। इस राजस्व बजट का 90 फीसदी भाग बिजली खरीदी पर, 6.77 भाग कर्मचारियों/ अधिकारियों के वेतन व भत्ते पर व शेष राशि अन्य विकास व मैंटेनेंस कार्यों पर व्यय की जाएगी। इस बैठक में मप्र वित्त विभाग के उपसचिव अजय चौबे, आईआईटी की प्रोफेसर डॉ.तृप्ति जैन, मप्रपक्षेविविकं के डाय़रेक्टर मनोज झंवर, मुख्य महाप्रबंधक संतोष टैगोर, मुख्त वित्त अधिकारी नरेंद्र बिवालकर, गजरा मेहता, मुख्य अंकेक्षण अधिकारी संजय वत्स, सुब्रतो राय, एसएल करवाड़िया, एसआर बमनके, कंपनी सचिव आराधना कुलकर्णी, डॉ. शैलेष कर्दम आदि मौजूद थे।
पहली बार बजट
बिजली कंपनी के प्रबंध निदेशक विकास नरवाल के निर्देशन में टीम ने पहली बार सालाना बजट बनाया गया है। इस पर शनिवार को बोर्ड आफ डाय़रेक्टर ने अपनी सहमति प्रदान की है।