भिया…गट्टा नि उलझ जाये…!!

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नितिनमोहन शर्मा

देखना भिया, ज्यादा हवाबाजी में “गट्टा नि उलझ जाए” । माहौल वाहोल से कुछ नि होता भिया…जमीन पे काम होना। चुनाव में ” चिल्ला चोट” से कुछ नि होता है। ” सुम सटके” में काम करना पड़ता है। नि तो भिया दांव होने में देर नी लगती। अब बोटर थोड़े ही बताएगा कि वो का डालेगा। ओर फ़िर ये शहर तो “सुरु” से ही कमल वालो का है। कदी रिया होगा कांग्रेस का। पर भिया वो ताई जबसे लड़ी…तबसे कांग्रेस इंदौर में आड़ी ही पड़ी है। खड़ी ही ज नि हो री। कोई चुनाव में लगता कि अब के बार उठेगी लेकिन फिर कमल वाले पटखनी दे देते।

पार्टी सब तरफ से जीतकर आती लेकिन भिया ये दो नम्बर ओर चार नम्बर में इत्ता तगड़ा “गड्ढा” मिलता है कि सब किये धरे वे पानी फिर जाता। वो तो दो चार नेता अपने दम पर जीत जाते है भिया नि तो यहां तो पार्टी का नाम लेवा ही नी रेता। भाजपा वाले तो भोत मस्ती में है भिया। वो तो निगम के ” पाप ” आड़े आ गए नी तो भिया ये चुनाव तो वो यूँज जीत जाती। निगम वालो की हरकतें अब भारी पड़ री भिया ओर चुनाव भी निगम का। ओर सामने संजू है। नी तो इंदौर को ” चक झन्नाट ” बनाने वाली भाजपा को कई तकलीफ़ नी होती भिया।

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विधानसभा 1
भिया…वो संजू तो ” कम्मू ” को पूछ भी नि रिया

भिया…वो संजू ज्यादा ही मुगालते में है। वो कम्मू ( कमलेश खंडेलवाल ) को तो पूछ ही नी रिया। भिया कम्मू के कन्ने महिलाओं की भोत बड़ी टीम है। इत्ती इत्ती बार ओंकार महाँकाल ओर मथुरा वृंदावन ले गया। सब उसकी सुनती है। वो घर ही बैठा है। संजू के ये बात सम्पट ही नी पड़ री की कोई पड़ने नि दे रिया…अपने को सूझ ही नि पड़ री। संजू विधानसभा समझ रिया भिया। अरे वो तो उस टेम ” टोपी ” की बुराई सिर चढ़कर बोल री थी। पार्टी वालो ने ही उसका काम नी किया। इस टेम ऐसा कुछ नि है।

विधानसभा 2
दादा भन्नाए हुए है भिया….

यहां दादा दयालु भन्नाए हुए है भिया। पे ली बार देख रिये भिया उनको इत्ते भन्नाए हुए। दयालु इलाके में पार्टी को जवान करने जा रहे थे लेकिन इलाके के ” बूढे-हारे” मान ही नी रिये। फिर टिकिट ले आये। टिकिट तो ले आये पर देखना इनमें से कोई तगड़ा “जमा” नी हो जाये। भिया ये कैलाशजी भी न…समझते ही नि। जबरन दयालु को डिस्टर्ब कर दिया। पे ले ही वो महापौर बनते बनते रह गए। खोपड़ी पहले ही सन्नाई हुई। इलाके की ” बाई ” होन अलग नि मान नि री। सबको टिकिट चईये। अब दयालु किस किस को दे?? दो चार कथा वार्ता कराई न कन्या जिमाई की पार्षद बना दो। ये कोई बात हुई। अब दादा भन्नाए नि तो ओर क्या करे…??? कांग्रेस तो यहां कई खास नि दिख री। वो चिंटू जरूर है मैदान में पर भिया वो भी तो दयालु के पास ही तो ” जमा” है।

विधानसभा 3
पिंटू बहा रिया है भिया पसीना

जरा सी विधानसभा है भिया। कोई ज्यादा लोड की बात भी नि। वो अनवर, कादरी, अंसारी ही यहां की कांग्रेस है। फिर भी भिया….पिंटू खूब पसीना बहा रहा है। अगले को अगला चुनाव भी लड़ना है। जमावट तगड़ी हो जाएगी इस बहाने। बस ” बाबा ” लोड नि लेगा न तो देख लेना भिया यहां से पिंटू ही आएगा।

विधानसभा 4
भाभी लाई भिया इस बार टिकिट

कई नी भिया यहाँ तो सब सेट है। आज तक क्या कर लिया कांग्रेस ने जो अब कर लेगी। ओर फिर इस बार तो ” भाभी ” तो टिकिट भी अपनी मर्जी के लाई भिया। सब उनके खास होन चुनाव लड़ रिये है। वो एकलव्य ही चुनाव सम्भाल रिया है। सब जगह वो ही दौड़भाग रिया है। भाभी लाई है भिया इस बार टिकट। लड़ झगड़कर। नि तो हर बार उनकी “ढय्या लूट” जाती है। पिछली बार तो वो महापोर थी तो कुछ बोली नी।उनकी विधानसभा में शंकर कैलाश शर्मा ताई भी टिकट ले उड़े। लेकिन भिया इस बार किसी को “हाथ नि धरने दिया।”

विधानसभा 5
भिया बाबा जैसा सबको मस्त होना चईये

भिया अपने को तो “महेन बाबा” का काम समझ आता है आग लगे बस्ती में अपन तो मस्ती में…!! अपने खास का टिकिट ले आये बाबा। इसके बाद कोई लोड नही। बस बो पाटीदार रे गया। नाराज है पर बाबा का खास है। मान जाएगा। “प्रणव” भी भिया किस्मत का धनी निकला। वो राजा कोठारी फिर इस बार रह गया बेचारा। हर बार मेहनत करता 5 साल ओर टिकट दूसरा ले उड़ता। गुस्सा था पर अब काम से लग गया भिया। परचा भी ले लिया वापस। वो दिलीप शर्मा फेसबुक पर के रिया की में फिर लौटकर आऊंगा। के रिया या धमका रिया….सम्पट नि बैठ री भिया।