छत्तीसगढ़ के बीजापुर में दो दिनों से जवानों और नक्सलियों के बीच चल रही मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने कहा कि बुधवार सुबह माओवादियों के तीन और शव पाए गए, जहां एक दिन पहले सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच गोलीबारी हुई थी। इसके साथ, मंगलवार को मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है।
इस कार्रवाई के बाद तीन साल पुराना बदला पूरा किया है। दरअसल 3 अप्रैल 2021 में पुलिस और केंद्रीय फोर्स की टीम ऑपरेशन पूरा कर सुकमा से लौट रहे थे। तभी अचानक टेकलगुड़ा गांव में नक्सलियों ने घात लगाकर हमला कर दिया । इस हमले में पुलिस और डीआरजी ,कोबरा के 22 जवान शहीद हुए थे।
बता दें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और छत्तीसगढ़ पुलिस ने मंगलवार को बीजापुर जिले में 10 माओवादियों को मार गिराया, जिससे इस साल अब तक मारे गए विद्रोहियों की संख्या 47 हो गई है, जो 2023 में 22 से अधिक है।
अधिकारियों के अनुसार, माओवादी नियंत्रित क्षेत्र गंगालूर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत केंद्र-कोरचोली जंगलों के पास सुबह लगभग 6 बजे भीषण गोलीबारी शुरू हुई, जब सुरक्षाकर्मियों की एक संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी। अधिकारियों ने कहा कि उन्हें सोमवार को माओवादी कैडर के जमावड़े की खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद कई एजेंसियों – छत्तीसगढ़ पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड और विशेष कार्य बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और इसकी विशिष्ट गुरिल्ला इकाई कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन से लगभग 3000 सुरक्षाकर्मियों को बुलाया गया था।
यह घटना 2019 के बाद से माओवादियों के लिए सबसे बड़ा झटका है जब बस्तर जिले में ओडिशा सीमा के करीब जंगल में सुरक्षा बलों ने सात माओवादियों को मार गिराया था। वहीं ऑपरेशन में पुलिस ने एक लाइट मशीन गन (एलएमजी), एक .303 राइफल, एक 12-बोर बंदूक और बड़ी संख्या में बैरल ग्रेनेड लॉन्चर भी बरामद किए। अधिकारियों के मुताबिक, मौके से कई हथियार और गोला-बारूद भी जब्त किए गए।