बिहार विधानसभा चुनाव 2020 का नतीजा आ चुका है। इस बार का नतीजा एनडीए के पक्ष में आया है। लेकिन चुनावी नतीजे सामने आने से पहले होने वाले एग्जिट पोल्स से उलटे आये है। एग्जिट पोल्स के अनुसार इस बार बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने वाली थी। लेकिन घोषित हुए नतीजों में एनडीए ने विजय प्राप्त की। अब आखिर में यह सवाल आता है की बिहार चुनाव में एग्जिट पोल्स फेल क्यों हो गए।
राजनीतिज्ञ विशेषज्ञों का कहना है कि इस एग्जिट पोल के फेल होने की कुछ 2-3 मुख्य वजह है। यह वो चुनावी मुख्य वजह है जिन्हे एग्जिट पोल बनते हुए ध्यान में नहीं रखा गया। हम आपको कुछ ऐसे मुख्य वजह बता रहे है जिसकी वजह से यह एग्जिट पोल गलत साबित हुआ।
महिला मतदाताओं पर ध्यान नहीं देना
बिहार में महिला आबादी 49 प्रतिशत के आस पास है ऐसे में महिला मतदाताओं का चुनावी मतदान में अहम भूमिका हो जाती है। इस बार महिलयो ने भारी संख्या में एनडीए को वोट दिया और एनडीए को जीत हासिल करवाया। जबकि एग्जिट पोल में इस फैक्टर पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
साइलेंट वोटर्स पर ध्यान नहीं देना
हर चुनावी जंग में साइलेंट वोटर्स बहुत ही अहम रोल में होते है। ऐसे कहा जाता है कि किसी भी पार्टी की जीत हार में यह साइलेंट वोटर्स होते हैं जो जीत या हार तय करने में मुख्य भूमिका निभाते है। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी बड़ी संख्या में साइलेंट वोटर्स थे जिन्हें एग्जिट पोल बनाते समय हल्के में लिया गया था।
सैंपल साइज का छोटा होना
आप किसी भी चुनाव का नतीजा उसके प्रदेश के 5,10 और 50 हजार लोगो से बात करके नहीं निकल सकते। इसलिए सैंपल साइज छोटे होने की वजह एग्जिट पोल्स पर सवाल उठाया गया। हलकी राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि एग्जिट पोल गलत नहीं होते सैंपल साइज छोटे होने की वजह से इसका पूर्वानुमान गलत हो जाता है।