इंदौर : मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय हमेशा अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। हाल में उन्होंने इंदौर में ज्ञानवापी मामले पर बयान देते हुए कहा कि मुगलों ने 1000 से ज्यादा मंदिरों को तोड़ा था और उनमें से कई मंदिरों का खजाना भी लूट लिया था। इस बयान के लेकर कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय काफी चर्चाओं में हैं।
इस बीच उनका एक और बयां सामने आया है, जिसमें उन्होंने पार्षद बनने की इक्छा जाहिर की हैं। दरअसल, शुक्रवार को मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव और कैबिनेट मंत्री कैलाश विजवर्गीय इंदौर नगर पालिका के नए परिषद हॉल के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे। वहीं इस अवसर पर अपने संबोधन में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि विधानसभा से लौटकर फिर से पार्षद बन जाऊं।
बता दें कि, अब उनके इस बयान की काफी चर्चा हो रही है, जिसने सभी को चौंका भी दिया है। पार्षदों से बातचीत करते हुए कहा, “अब यहां पढ़ कर आना और अच्छी चर्चा करना। उन्होंने पार्षदों को सलाह देते हुए कहा कि अध्यनशील पार्षद बने। अपने साथ मौजूद तुलसीराम सिलावट और अन्य वरिष्ठ नेताओं को देखकर उन्होंने कहा कि हम और यह सब जिस कुर्सी पर बैठे वहां ईमानदारी से काम किया।
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि आप भाग्यशाली हैं। हम लोहे की कुर्सी टेबल पर बैठते थे और सदन में अपनी मौजूदगी दर्ज करवाते थे। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रदेश और नगर के विकास लिए जो भी जरुरत होगी मैं तत्परता से करुंगा।